सरपंच ने शुरू की तपस्या, पत्नी के साथ नवरात्र में नौ दिन-रात मंदिर में खड़े रहकर रखेंगे व्रत

punjabkesari.in Saturday, Oct 17, 2020 - 03:22 PM (IST)

पलवल (ब्यूरो): शनिवार से शारदीय नवरात्रों का प्रारंभ हो गया। इस दौरान जहां श्रद्धालु व्रत रखकर सुख, शांति की कामना करते हैं। ग्राम पंचायत असावटी के सरपंच करण पहलवान अपनी धर्मपत्नी सुनीता देवी के साथ नवरात्रों नौ दिन प्रजापति समाज के मंदिर पर खड़े खड़े ही व्रत रखते हुए मां से गांव की भलाई की कामना करेंगे। यह व्रत वह पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं। व्रत शुरू करने से पहले उन्होंने गांव के मौजिज लोगों के साथ गांव की परिक्रमा की व सभी का आशीर्वाद प्राप्त किया। 

उन्होंने कहा कि उनके गांव समाज पर कोई परेशानी न आए और देवी मां गांव पर आशीर्वाद बनाए रखें, सभी की मनोकामना पूरी करें। उन्होंने बताया कि गांव में सुख शांति के साथ भाईचारा कायम रहे तथा विकास की गति यूं ही निरंतर चलती रहे यही उनकी कामना रहती है। इसके लिए वे खुद व्रत तो करते ही हैं, सामान्य दिनों में स्वयं ही सफाई अभियान में शामिल होकर झाड़ू आदि लगाने से भी नहीं हिचकते।

उनका मानना है कि गांव के लोगों ने उन्हें जिताया है तो उनकी सेवा करना व सदैव उनकी भलाई के लिए काम करना ही उनका कर्तव्य है। उनके विशेष प्रयासों से श्मशान को मनोरम पार्क में तब्दील कर दिया है। पार्क और मंदिर के चलते अब वहां सुबह शाम ग्रामीण सैर करने जाते हैं। 

उन्होंने बताया कि गांव असावटी में गांव से बाहर पंचायत की करीब डेढ़ एकड भूमि में श्मशान घाट बना हुआ था, जिसमें कंटीली झाडियां उगी हुई थी। न कोई चारदीवारी न कोई सुविधा। अंतिम संस्कार के समय ही लोग वहां जाते थे, उसके बाद तो लोगों को वहां जाने में भी डर लगता था। शाम होने के बाद तो लोग उसके पास से गुजरने में भी डरते थे। 

सरपंच करण पहलवान ने श्मशान के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और पहले श्मशान घाट से कंटीली झाडिय़ों को कटवाकर चारदीवारी करवाई। उसके बाद उसे शवों के अंतिम संस्कार के लिए टीन शेड और आने वाले लोगों के लिए आश्रम बनवाया। फिर बाकी भूमि पर पार्क बनवाया, जिसमें फव्वारे लगवाए गए। अंदर के रास्ते को पक्का करवाकर उसके ऊपर भी प्लास्टिक शेड डलवाया। बीच में एक शिव मंदिर का निर्माण कराया। पार्क में लगाए गए फव्वारों के लिए सबमर्सिबल लगवाया गया और बिजली का कनेक्शन करवाया गया। साथ में पार्क में मखमली घास लगवाई गईं तथा सोलर लाइटें लगवाई गई, जो बिजली न होने की दशा में भी रात में जलती रहती हैं। 

वहीं यहां बने गांधी घर में आने-जाने वाले आश्रित लोग न केवल रात को ठहर सकते हैं, बल्कि उनके भोजन की भी व्यवस्था पंचायत की ओर से की जाती है।


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Shivam

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