उद्योग धंधों व छोटे दुकानदारों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करे सरकार: सैलजा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 01, 2021 - 06:08 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने प्रदेश में बेरोजगारी के भयावह हालातों के लिए भाजपा-जजपा सरकार द्वारा बनाए गए आर्थिक अराजकता के माहौल को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में नए रोजगार की बात तो दूर अब प्रदेश में हालात इतने भयावह हैं कि सालों से कार्यरत लोगों की भी नौकरियां छिन रही हैं। प्राइवेट सेक्टर में हालात गंभीर हैं तो वहीं हरियाणा सरकार द्वारा षड्यंत्र के तहत कई वर्षों से कार्यरत सरकारी कर्मचारियों और कच्चे कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाला जा रहा है। सरकार का काम रोजगार देना होता है, परंतु सरकार रोजगार खत्म करने पर आमादा है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर सरकार की विफल नीतियों के चलते उद्योग जगत में त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा हुआ है। आज इस दिशाहीन सरकार के राज में प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित किए गए हजारों कारखानों के बंद होने का सिलसिला जारी है तो कहीं खपत घटने से उत्पादन सिकुड़ रहा है। इस सरकार की नाकामियों का ही नतीजा है कि ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस में हरियाणा प्रदेश तीसरे स्थान से 16वें स्थान पर लुढ़क गया। लगातार कई महीनों से हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पूरे देश में सर्वाधिक बनी रही है, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। सरकारी नौकरियों को भी सरकार षड्यंत्र के तहत खत्म कर रही है। भर्तियों को लटकाया और रद्द किया जा रहा है।

सैलजा ने कहा कि प्रदेश मे तकनीकी क्षेत्र में रोजगार लगातार घटते जा रहे हैं। हरियाणा के गुरुग्राम स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनियों में पिछले एक वर्ष से रोजगार प्राप्त युवाओं की छंटनी की जा रही हैं। अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने नौकरियों के विज्ञापनों की संख्या कम कर दी। 2020 में जुलाई तक विज्ञापनों में 43.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि ऐसे मुश्किल के समय में हरियाणा सरकार प्रदेशवासियों को प्रताड़ित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। 

अभी हाल ही में सरकार द्वारा फैसला लिया गया है कि कच्चे स्वास्थ्य कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा। जबकि इन कर्मचारियों की कोरोना से लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की निःस्वार्थ भाव से सेवा की है। लेकिन सरकार अहंकार में चूर है और प्रदेशवासियों की पीड़ा से उसे कोई लेना देना नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और एशियाई विकास बैंक की रिपोर्ट के अनुसार सैलजा ने कहा कि हरियाणा में कम से कम चार लाख युवाओं ने कोरोना महामारी के कारण गैर तकनीकी स्तर की नौकरी खो दी है। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल पैदा होने वाले 15 लाख इंजीनियरिंग स्नातकों में से 20 से 30 प्रतिशत को नौकरी नहीं मिल पाती है। परंतु करोना महामारी के कारण यह आंकड़ा 70 प्रतिशत पहुंच गया है। जिससे हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

इसी प्रकार पिछले एक वर्ष से शोधकर्ताओं के माध्यम से जो आंकड़े आ रहे हैं और वर्तमान दौर में जिस प्रकार कोरोना महामारी से स्थिति खराब हुई है उससे हरियाणा के हमारे तकनीकी रोजगार प्राप्त युवाओं को बुरी तरह से प्रभावित होना पड़ रहा है। वहीं हरियाणा प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण छोटे दुकानदारों पर भी आर्थिक संकट छाया हुआ है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार कच्चे स्वास्थ्य कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने के फैसले को तुरंत वापस ले। सरकार प्रदेश के उद्योग-धंधों, छोटे दुकानदारों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करे। प्रभावित युवाओं को रोजगार प्राप्ति तक उनकी आर्थिक मदद करे और उन्हें बेरोजगारी भत्ता देना सुनिश्चित करे। छंटनी किए गए युवाओं की काउंसलिंग हो, ताकि उन्हें वर्तमान हालात से उबारा जा सके।


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Content Writer

vinod kumar

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