हरियाणा में अब कोख में सांस लेने लगी हैं बच्चियां, 871 से 923 तक पहुंचा लिंगानुपात

punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2020 - 11:14 AM (IST)

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु अगले 5 सालों में हरियाणा पुलिस में महिलाओं की संख्या 15 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है और सरकार के इस कदम से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 में लिंगानुपात 830 था जो आज बढ़कर 922 हो गया है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को पंचकूला में हरियाणा पुलिस द्वारा पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो व इंडियन पुलिस फाऊंडेशन इंस्टीच्यूट (आई.पी. एफ.आई.) के सहयोग से ‘महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा’ विषय पर 2 दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन सत्र को संबोधित कर रहे थे। सरकार द्वारा इस ओर कड़ा रुख अपनाते हुए भ्रूण हत्या करने वाले दोषियों पर सख्त कार्रवाई की गई और पड़ोसी राज्यों के साथ लगते जिलों में भी दबिश की गई। अब हरियाणा में परिवार पुत्र के समान ही बालिकाओं के जन्म का जश्न मनाने लगे हैं।

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा अपराध विरुद्ध शिकायत दर्ज करने से कितने लोग संतुष्ट हैं, इससे संबंधित भी एक सर्वेक्षण राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो द्वारा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान बनाने हेतु दुर्गा शक्ति ऐप, महिला हैल्पलाइन-1091, पुलिस स्टेशनों पर महिला हैल्प डैस्क स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 5 सालों में 2 लाख सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं और जल्द ही एक लाख से अधिक सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला और बाल सुरक्षा पहल पर एक पुस्तक भी लांच की। 

government promote women empowerment increase confidence women

पुलिस में महिलाओं की संख्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सराहनीय है कि राज्य पुलिस बल में महिलाओं की संख्या पिछले 5 वर्षों में 6 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई है और इसे 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।


34 महिला पुलिस थाने खोले गए 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है,जहां 34 महिला पुलिस थाने खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे महिला पुलिस स्टेशनों की कमी से पीड़ितों को उनके खिलाफ होने वाले अपराध की रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं होती थी,लेकिन अब इन पुलिस स्टेशनों के खुलने के बाद पीड़ित हर अपराध की रिपोर्ट दर्ज करवाने हेतु आगे आ रही हैं। पुलिस अधिकारियों को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि हर अपराध की शिकायत दर्ज करें और यह सुनिश्चित करें कि हर पीड़ित को न्याय दिया जाए।

 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static