हरियाणा में बढ़ते डेंगू मरीजों को देख बनाए विशेष वार्ड, 658 बैड्स आरक्षित

punjabkesari.in Saturday, Nov 13, 2021 - 08:17 AM (IST)

चंडीगढ़ : डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के 85 वार्ड बनाए हैं। इनमें डेंगू मरीजों के इलाज के लिए 22 जिलों के अस्पतालों में 658 बैड्स आरक्षित किए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो अम्बाला के 20 वार्ड में 54 बैड्स, भिवानी के 1 वार्ड में 36, चरखी दादरी के 1 वार्ड में 6, फरीदाबाद के 3 वार्ड में 26, फतेहाबाद के 7 वार्ड में 20, गुरुग्राम के 5 वार्ड में 50, हिसार के 3 वार्ड में 50, झज्जर के 2 वार्ड में 10, जींद के 2 वार्ड में 18, कैथल में 2 वार्ड में 12, करनाल के 2 वार्ड में 30, कुरुक्षेत्र के 10 वार्ड में 26, महेंद्रगढ़ के 2 वार्ड में 8, नूंह के 1 वार्ड में 6, पलवल के 1 वार्ड में 40, पंचकूला के 7 वार्ड में 125, पानीपत के 2 वार्ड में 10, रेवाड़ी के 2 वार्ड में 10, रोहतक के 6वार्ड में 60, सिरसा के 3 वार्ड में 30, सोनीपत के 1 वार्ड में 16, यमुनानगर के 2 वार्ड में 15 बैड्स डेंगू मरीजों के इलाज के लिए रखे गए हैं। हरियाणा के वैक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल विभाग के नोडल अधिकारी डा. राकेश सैनी का कहना है कि डेंगू मरीजों की तादाद सिर्फ हरियाणा में ही नहीं अपितु पूरे देश में बढ़ी है। 4 से 5 साल के अंतर के बाद ऐसा आऊटब्रेक होता है। वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में डेंगू मरीजों की संख्या घट गई थी। 

वर्ष 2015 में डेंगू से 13 मौतें हुई थीं। मौजूदा साल में फिर से डेंगू का आऊटब्रेक हुआ है। 4 लोगों की डेंगू ने जान ली है। डेंगू का मच्छर एडिस का लारवा साफ पानी में पनपता है। घरों के आसपास लोग साफ पानी को एकत्रित न होने दें तो डेंगू के मच्छर के फैलाव को रोका जा सकता है। हाऊस-टू-हाऊस सर्वे करने वाली टीम ने पाया कि लोग परिंदों के लिए मिट्टी के बर्तनों में पानी भर कर रखते हैं। उसी पानी में डेंगू मच्छर का लारवा मिल रहा है। इस पानी को हर दूसरे दिन गिराकर नया पानी भर देना चाहिए।

विभाग ने प्रदेश के 83,058 ऐसे घरों को नोटिस दिए हैं जिनके आसपास पानी खड़ा हुआ था। मच्छरों को मारने के लिए 8000 से अधिक तालाबों में गम्बूजिया मछलियां छोड़ी गई है। ये मछलियां एडीस मच्छर को खाकर उनका बीमारी के प्रसार को रोकती हैं। फोगिंग के लिए 5000 मशीनें खरीदी जा रही हैं। डा. सैनी ने बताया कि डेंगू की नि:शुल्क जांच के लिए प्रदेश में 27 डेंगू टैस्टिंग लैब हैं। निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किए गए हैं कि डेंगू के टैस्ट के लिए मरीजों से 600 रुपए से ज्यादा न वसूले जाएं। 

अस्पतालों में मरीज की भीड़, चंडीगढ़ पहुंच रहे इलाज करवाने 
यमुनानगर की 35 वर्षीय अंजू डेंगू से ग्रस्त होने के बाद हरियाणा के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ के बाद बैड न मिलने पर पी.जी.आई. चंडीगढ़ में इलाज लेने के लिए पहुंची। अंजू के पति निर्मल ने बताया कि उनकी पत्नी जब प्लेटलैट्स की संख्या घटने के बाद ब्लीड करने लगी तो वह उसे लेकर तुरंत पी.जी.आई. आए क्योंकि यमुनानगर के अस्पताल में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए सुविधाओं का अभाव है। पंचकूला अस्पताल जैसी सुविधाएं राज्य सरकार को प्रदेश के सभी जिलों में उपलब्ध करवानी चाहिएं।

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Content Writer

Manisha rana

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