लोकसभा व विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की खर्च सीमा बढ़ी, क्या उपचुनाव में होगा इसका फायदा ?

punjabkesari.in Thursday, Oct 22, 2020 - 09:22 AM (IST)

अम्बाला (रीटा/सुमन): अभी हाल में 19 अक्तूबर को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विधायी विभाग एक नोटिफिकेशन जारी कर लोकसभा व विधानसभा चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार आदि में होने वाले खर्च की अधिकतम सीमा को बढ़ा दिया है। अब लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार अधिकतम 77 लाख रुपए व विधानसभा चुनाव के लिए 30 लाख 80 हजार रुपए खर्च कर सकेंगे। अब देखना यह है कि यह बरोदा उपचुनाव पर भी अधिसूचना लागू होती है या नहीं। अभी तक यह सीमा लोकसभा के लिए 70 लाख और विधानसभा हेतू 28 लाख थी।

जहां तक हरियाणा में शहरी नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओ के चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों  द्वारा इन चुनावों में किए जाने वाले खर्चे का विषय है। इस सम्बंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि प्रदेश की नगर निगमों में मेयर का सीधा चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार के लिए हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नवंबर, 2018 में इस सीमा को अधिकतम 20 लाख रुपए तय किया गया है। 2017 में नगर निगमों के पार्षदों के चुनाव के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए, नगर परिषद् के पार्षद के लिए 3 लाख रुपए, नगर पालिका पार्षद के लिए 2 रुपए लाख तय की गई थी। कहा जा रहा है कि इसमे में भी कुछ बढ़ोत्तरी किए जाने के संभावना है। आगामी 2-3 महीनों में अम्बाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगम और कई मौजूदा एवं नव गठित नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के लिए आम चुनाव होने हैं।

जहां तक हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं का विषय है, तो जून, 2015 में राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायती के पंच के लिए अधिकतम 10 हजार रुपए, 15 वार्डों तक की ग्राम पंचायत के सरपंच के लिए 30 हजार रुपए जबकि 15 वार्डों से ऊपर की ग्राम पंचायत के लिए 50 हजार रुपए, पंचायत/ब्लॉक समिति सदस्य के लिए 1 लाख रुपए जबकि जिला परिषद् सदस्य के लिए 2 लाख रुपए निश्चित किए थे। अगले साल इनके चुनाव भी होने हैं। माना जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा महंगाई को देखते हुए इसमें में कुछ बढ़ोत्तरी की जा सकती है।


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Isha

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