सिरसा के सपनों को उड़ान नहीं दे पाई 'मैडम', सुनीता दुग्गल का एक साल का रिपोर्ट कार्ड

punjabkesari.in Saturday, Jun 06, 2020 - 01:16 PM (IST)

सिरसा : 9 विधानसभा को समेटे सिरसा संसदीय क्षेत्र से मई 2019 के संसदीय चुनाव में सुनीता दुग्गल सांसद बनीं। 23 मई को उन्होंने पदभार ग्रहण किया। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को 3.09 लाख वोटों के बड़े अंतर से बिजयी हुए दुग्गल ने सिरसा संसदीय क्षेत्र की महत्वपूर्ण समस्याओं को लेकर संसद में आवाज जरुर उठाई, पर उनकी आवाज का असर नजर नहीं आया। अब तक मिले अढ़ाई करोड़ में से सिरसा संसदीय क्षेत्र में 9 लाख 9 हजार रुपए खर्च कर 5 कार्य पूरे हो चुके है।

हालांकि मैडम दुग्गल ने अपनी ओर से 176.8 लाख रुपए की राशि के 20 कार्य अनुमोदित कर दिए है पर अफसर अभी कार्य पूरा करने में कछुआ चाल लिए रहे। एक साल में सिरसा संसदीय क्षेत्र  के हाथ कोई बड़ी परियोजना नहीं लगी। एक साल में सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल के बहुपक्षीय यानी पॉजीटिव एवं नैगेटिव तथ्यों की पड़ताल करती हमारी यह रिपोर्ट : 

सुस्त है अफसरों की चाल 
कुल मिलाकर देखें तो सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल को सालाना मिलने वाले 5 करोड़ में से अभी तक अढ़ाई करोड़ की राशि मिली है। उन्होंने इस राशि में से 20 कार्यों को हरी झड़ी दी जिसके लिए करीब 176.815 लाख रुपए की राशि जारी कर दी गई। अभी तक इस राशि में से महज 9 लाख 9 हजार रुपए की राशि ही खर्च हो पाई है और केवल 5 कार्य पूरे हुए है। 15 कार्य अभी प्रगति पर है।

खास बात यह है कि सांसद की ओर से अपने सांसद निधि के अंतर्गत आने वाली राशि के लिए कार्यों को अनुमोदन करना होता है। सांसद के अनुमोदन के बाद नोडल जिला अधिकारी की ओर से इस संबंध में जल्द से जल्द राशि जारी कर कार्य पूरा करवाया जाता है। जाहिर है कि सांसद ने जरुर 176 लाख के 20 कार्य अनुमोदन कर दिए, लेकिन अभी तक जारी की गई राशि में से महज 9 लाख 9 हजार रुपए ही खर्च हुए है और केवल एक साल में 5 काम पूरे हुए। ऐसे में संबंधित अफसर भी सुस्त चाल लिए हुए है।    

1 साल में कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं 
हम सांसद सुनीता दुग्गल के एक साल के रिपोर्ट कार्ड पर नजर डालें तो उन्होंने बेशक संसद में इलाके की आवाज उठाई, पर कोई भी बड़ी  परियोजनाएं नतीजे तक नहीं पहुंची। फतेहाबाद-अग्रोहा रेलवे लाइन को संभव न मानते हुए रेलवे ने इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया। सिरसा में बड़ा कृषि आधारित उद्योग नहीं लगा। रेलवे के लिहाज से भी सिरसा संसदीय क्षेत्र खाली हाथ रहा। एम्स व कैंसर अस्पताल की परियोजना भी सिरे नहीं चढ़ी।

घग्घर के मैलेपन को दूर करने के लिए जरुर सांसद की पहलकदमी पर हरियाणा सरकार ने बजट में उल्लेख किया। नशा सिरसा संसदीय क्षेत्र मे पूरी तरह से फैल गया है। चिट्ठा यहां की नौजवानी उजाड़ रहा है। सरकारी स्तर पर इलाज के लिए सिरसा के नागरिक अस्पताल में 15 बैड़ का नशा मुक्ति केंद्र है। यहां पर एक बड़े नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र की दरकरार है। इसकी फाइल सामाजिक आधिकारिता विभाग के पास धूल फांक रही है।सांसद दुग्गल ने इस मुद्दे पर संसद में भी आवाज उठाई औक मुख्यमंत्री के समक्ष भी बात रखी पर अभी तक यह काम भी अधूरा है।     

नशे,घग्घर व रेल पर संसद में उठाई आवाज 
यह भी एक सकारात्मक पक्ष है कि सांसद सुनीता दुग्गल ने सिरसा के महत्वपूर्ण मुद्दों को लोकसभा में रखा। उन्होंने नशे जैसी समस्याएं, प्रदूषित हो गई घग्गर व रेलवे जैसे मसलों को लेकर आवाज उठाई। 25 जुलाई 2019 को उन्होंने सिरसा में नशे की समस्या पर आवाज उठाई औक इसके बाद फिर 11 दिसंबर 2019 को सिरसा में एक ड्रग डी एडीक्शन सैंटर बनाए जाने की मांग की। 19 जुलाई 2019 को उन्होंने पंजाब व हरियाणा में बहने वाले बरसाती नाले घग्घर के मैलेपन का दूर किए जाने को लेकर आवाज उठाई तो 1 जुलाई 2019 को उन्होंने सिरसा में रेलवे सुविधाएं बढ़ाए जाने की मांग की।    

लोकसभा में शत-प्रतिशत हाजिरी
यह एक सकारात्मक पहलू है कि सांसद सुनीतादुग्गल ने अब तक लोकसभा के सभी सेशन में शिरकत की है। बजट-2019, विंटर 2019 एवं बजट -2019 तीनों सोशन में उनकी उपस्थिति शत-प्रतिशत रही है। सांसदों की लोकसभा में उपस्थिति की राष्ट्रीय औसत 84 जबकि राज्य औसत 85 प्रतिशत है। इसी तरह से उन्होंने कुल 13 डिबेट्स में शिरकत की। संसद में प्रश्न उठानने के मामले में अब तक सुनीता दुग्गल काफी पीछे रही है। उन्होंने संसद में अब 2 ही प्रश्न पूछे हैं,जबकि प्रश्न पूछने की राष्ट्रीय औसत 49 एवं राज्य औसत 49 राज्य औसत 31 रही है।
        


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Edited By

Manisha rana

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