मंदिर के पुजारी ने किया था नाबालिग से दुष्कर्म, अब कोर्ट ने सुनाई कठोर सज़ा, भारी जुर्मान भी लगाया
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 06:11 PM (IST)
हिसार : नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के गंभीर मामले में हिसार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील जिंदल की अदालत ने गांव के एक पुजारी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास और 1 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि आरोपी ने श्रद्धा और विश्वास का दुरुपयोग कर घिनौना अपराध किया है, इसलिए उसे कड़ी सजा मिलना आवश्यक है।
जानकारी के अनुसार यह मामला जून 2021 में दर्ज हुआ था। पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया था कि 10 जून की रात परिवार के सो जाने के बाद सुबह 4 बजे बेटी कमरे से गायब मिली। कई घंटे की तलाश के बाद भी कोई सुराग न मिला। तब उन्होनें पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया था।
मंदिर के कमरे में किया दुष्कर्म
जांच के दौरान पुलिस ने किशोरी को राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ से सुरक्षित बरामद किया। पूछताछ में पीड़िता ने खुलासा किया कि वह गांव के मंदिर में माथा टेकने जाती थी, जहां पुजारी उससे बातचीत करने लगा। उसने बताया कि 1 नवंबर 2020 को आरोपी ने मंदिर के एक कमरे में उसका यौन शोषण किया। पीड़िता के मुताबिक घटना के दिन पुजारी उसे बहला-फुसलाकर घर से भगा ले गया था।
नाबालिग हो गई थी गर्भवती
इस मामले में चौंकाने वाली बात यह रही कि इस दौरान में पीड़िता गर्भवती हो गई और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म के बाद उसे दान कर दिया गया। कोर्ट ने बयान और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपी पर धारा 363, 366ए, 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज कर अदालत में चालान प्रस्तुत किया। जिसे अब 20 वर्ष की कठोर कैद की सज़ा सुनाई गई है।
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