फिर बाहर आया बहुचर्चित पेंशन घोटाले का भूत एक बार, CBI की जांच में अहम खुलासा

punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2024 - 04:21 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): 2017 में आरटीआई कार्यकर्ता राकेश बैंस ने अपने वकील प्रदीप रापड़िया के माध्यम से पूरे हरियाणा भर में हुए पेंशन घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने ऐसे व्यक्तियों को भी पेंशन बांट दी जो या तो स्वर्ग सिधार चुके थे या पेंशन लेने की योग्यता ही पूरी नहीं करते थे। इस प्रकार सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया।

याचिकर्ता के वकील प्रदीप रापड़िया ने हाई कोर्ट को बताया कि सिर्फ कुरूक्षेत्र ज़िले में एक एफआईआर दर्ज करके और एक सेवादार से 13,43,725 रुपए की रिकवरी करके सरकार जांच को सिर्फ कुरूक्षेत्र जिले तक सीमित रखना चाहती है, जबकि CAG रिपोर्ट में पूरे हरियाणा का घोटाला उजागर हुआ था। ऐसे में हाई कोर्ट के जज विनोद भारद्वाज ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। 29 फरवरी को सीबीआई ने हाई कोर्ट के सामने स्टेट्स रिपोर्ट दायर करते हुए बताया कि हरियाणा भर के दोषी जिला समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए ।

सीबीआइ रिपोर्ट में कोर्ट को ये भी बताया गया कि सन 2012 में भी एक पेंशन वितरण की अनियमताओं के मामले में भी सरकार के उचित कार्यवाही के आश्वासन के बाद हाई कोर्ट ने मामले में कार्यवाही करने के आदेश दिए थे, लेकिन 12 साल बाद भी सरकार मामले में गंभीरता नहीं दिखा रही है। ऐसे में कोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है।

ऐसे में हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि सीबीआइ रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सभी अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही हो और साथ ही कोर्ट ने कहा कि 2012 से लेकर अब तक जितने भी समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और महानिदेशक थे, वो प्रथम दृष्टया कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं, लेकिन अभी कोर्ट सिर्फ मौजूदा प्रमुख सचिव और महानिदेशक को कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी कर रही है। 15/3/2024 तक  कोर्ट को बताना होगा कि क्यों ना सभी संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के लिए कार्यवाही की जाए।

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Content Editor

Nitish Jamwal

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