गर्भावस्था में संतुलित पोषण है महत्तवपूर्ण, स्वस्थ जच्चा-बच्चा के लिए ये पांच चीजें हैं बेहद जरूरी
punjabkesari.in Thursday, Jul 13, 2023 - 07:02 PM (IST)
गुरुग्राम : वैसे तो पोषक खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह हमेशा ही दी जाती है लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसकी महत्ता कई गुना बढ़ जाती है। गर्भवती मां को अपने शिशु की वृद्धि एवं विकास के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। गर्भावस्था का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें मां को स्वयं और अपने पेट में पल रहे बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने की जरूरत होती है। इसका यह मतलब नहीं है कि मां को दोगुना खाना चाहिए जो दोनों के लिए पर्याप्त हो। बल्कि यह जरूरी है कि ऐसे भोजन खाने चाहिए जो पोषण और स्वास्थ्य जरूरतें पूरी करते हों। सीके बिड़ला हॉस्पिटल गुरुग्राम में स्त्री रोग एवं प्रसूति विषेशज्ञ डॉ. अरुणा कालरा बता रही हैं कि गर्भावस्था में कौन-कौन से पोषक तत्व लेना आपके लिए लाभदायक है।
यहां ऐसे कई पोषक तत्व हैं जिन्हें मां को अपने दैनिक आहार में शामिल करने की जरूरत होगी, जो इस प्रकार हैं...
- विटामिन ए
- विटामिन सी
- कैल्शियम
- फोलिक एसिड
ये सभी पोशक तत्व नवजात शिशु के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इनमें से कुछ पोषक तत्व दूसरों के मुकाबले कुछ ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। नीचे ऐसे प्रमुख पांच जरूरी पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी जा रही है जिनमें मां को अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए...
फोलेट और फोलिक एसिड
गर्भावस्था के दौरान फोलेट बेहद महत्वपूर्ण विटामिन में से एक समझा जाता है। यह ऐसा बी विटामिन है जो न्यूरल ट्यूब की खराबी से बचाता है। ये स्पाइनल कोर्ड और ब्रेन की ऐसे गंभीर अनियमितताएं हैं जो मां के आहार में फोलेट की कमी के कारण बच्चे में पैदा हो सकती हैं। इन भोजन में फोलेट पाया जाता है...
- हरी पत्तेदार सब्जियां
- खट्टे फल
- सूखी बींस और मटर
- दालें
- ब्रेड
गर्भवती महिला को सामान्य तौर पर रोजाना 800 एमसीजी फोलेट की जरूरत होती है। खासकर तब यदि वह मधुमेह से पीड़ित हो या परिवार में किसी को न्यूरल ट्यूब की समस्या रही हो। फोलिक एसिड सप्लीमेंट से प्रीटर्म डिलीवरी का खतरा कम होता है। यह विटामिन बच्चे के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और ज्यादातर डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान फोलेट का जल्द से जल्द सेवन करना चाहिए।
कैल्शियम
कैल्शियम मजबूत दांत और हड्डियों के लिए बेहद जरूरी होता है। गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम मांसपेशी तंत्रिका तंत्र और संचार प्रणाली के सामान्य कामकाज में महत्वपूर्ण योगदान देता है। कैल्शियम से गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। गर्भवती महिला को रोजाना कम से कम 1000 एमजी कैल्शियम लेने की सलाह दी जाती है। आप निम्नलिखित चीजों में कैल्शियम तलाश सकती हैं...
- दही और पनीर
- ब्रोकली
- गोभी
- फलों का रस
- कैल्शियम से भरपूर ब्रेकफास्ट सिरील्स
महिला में कैल्शियम की सही मात्रा बेहद महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि कम कैल्शियम से प्रीक्लेम्पिशिया को बढ़ावा मिल सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की वजह से पैदा होने वाली बेहद खतरनाक स्थिति है।
विटामिन डी
कुछ ही भोजन में विटामिन डी के पोशक तत्व होते हैं और इसलिए ये हमारे आहार में पूरी तरह मौजूद नहीं होते। विटामिन डी से भरपूर कुछ भोजन हैं...
- अंडे की जर्दी
- सैमन मछली
- मशरूम आदि
मां के शरीर में विटामिन डी पहुंचाने का मुख्य तरीका धूप लेना है। इसलिए यदि कोई गर्भवती महिला ठंडे तापमान वाले क्षेत्र में रहती है तो उसमें विटामिन डी की कमी हो सकती है। कैल्शियम की तरह विटामिन डी भी हड्डियों को मजबूत बनाता है। विटामिन डी प्रतिरोधी क्षमता सुधारने और कोशिकाओं को स्वस्थ बनाने में मददगार है। इस वजह से गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी बेहद गंभीर समस्या है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। विटामिन डी की कमी से प्रीक्लेम्पशिया को भी बढ़ावा मिल सकता है।
आयरन
मानव शरीर हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन का इस्तेमाल करता है। यह रक्त में एक ऐसा छोटा प्रोटीन होता है जो शरीर में सभी टिश्यू तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। जब किसी गर्भवती महिला में आयरन की कमी होती है तो उसे इसका पता नहीं चल सकता है क्योंकि इसके लक्षण खास नहीं होते हैं। वह कुछ थकान और सुस्ती महसूस कर सकती है। गर्भावस्था के दौरान शिशु को भी आयरन की आपूर्ति की जरूरत होती है और इसलिए यह रक्त आपूर्ति के जरिये होता है। यदि महिला पर्याप्त आयरन नहीं लेती है तो उसे एनीमिया का खतरा हो जाएगा। आयरन की कमी या एनीमिया होना किसी गर्भवती महिला में होने वाली आम सस्याओं में से एक हैं। एनीमिया से निम्नलिखित खतरे जुड़े हो सकते हैं...
- समय पूर्व प्रसव
- मातृ और शिशु मृत्यु
- शिशु का कम वनज
- स्रंक्रामक रोग
इन आहार में पाया जाता है आयरन
- लीन रेड मीट
- पोल्ट्री
- मछली
- आयरन युक्त अनाज
- फलियां
- सब्जियां
जिंक
ज्यादातर लोग गर्भावस्था के दौरान जिंक के महत्व से अवगत नहीं होते हैं। जिंक नवजात शिशु के विकास और स्तनपान के दौरान बेहद महत्वपूर्ण होता है। फोलिक एसिड पर ध्यान इसलिए देना जरूरी है क्योंकि इससे जन्म के समय किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने में मदद मिलती है, लेकिन साथ ही जिंक भी समान रूप से महत्वपूर्ण होता है। दरअसल महिला के लिए गर्भावस्था के दौरान जिंक का सेवन बढ़ाने की जरूरत होती है। भ्रूण के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है। जिंक की कमी से असमय प्रसव का खतरा बढ़ सकता है।
जिंक के अच्छे स्रोत हैं
- मीट
- सूखे बींस
- मटर
- दालें
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