दलित,पिछड़ा,अल्पसंख्यक और महिलाओं के हक में नहीं यह सरकार: दीपा शर्मा

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2023 - 07:50 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ की राष्ट्रीय महासचिव दीपा शर्मा ने संसद के उद्घाटन में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को ना भुलाना संवैधानिक पदों का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक मूल्यों से बनने वाली संसद का उद्घाटन सबसे बड़े संवैधानिक पद राष्ट्रपति के कर कमलों से होना ही सबसे उचित था। उन्होंने भारतीय संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर और देश के राष्ट्रपति के बिना भारत के संसद भवन को अधूरा बताते हुए इसमें बाबा साहब की मूर्ति का निर्माण और भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू जी द्वारा करवाया जाना उनका हक बताया। उनकी अनदेखी को देश का अपमान बताते हुए दीपा शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, आदिवासी और महिलाओं के हक में कतई नहीं है। जातिवाद को बढ़ावा देकर शासन में आने वाली भाजपा ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद भवन के भूमि पूजन में शामिल नहीं किया, अब आदिवासी महिला राष्ट्रपति मुर्मू को भी उद्घाटन के लिए नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि देश मै से नहीं हम से चलता है। यह बात सत्ता पर बैठी भाजपा को समझना चाहिए।

 

कार्यक्रम के बहिष्कार पर विपक्ष से ही सवाल कर रहा है गोदी मीडिया :दीपा शर्मा

 

शर्मा ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठीं महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा किया जाना चाहिए लेकिन 'प्रचारजीवी' ने अपने सियासी स्वार्थ और आत्ममुग्धता में सभी संसदीय परंपराओं को भुला दिया है। शर्मा ने कहा कि हम  सभी  जाति  के  लोगों को एकसाथ लेकर चलने वाले लोग है। हम सभी का सम्मान करके आगे बढ़ते है। लेकिन यह सरकार  तानाशाही व अहम से भरी राजनीति करती है। सिर्फ एक खुद को सही मानते है और पूरे विपक्ष को ग़लत। शर्मा ने कहा कि संसद का तीसरा अंग राष्ट्रपति होता है पर उन्हें बुलाया नहीं गया। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं लेकिन निमंत्रण पत्र पर उनका कहीं अता-पता तक नहीं है और इन वजहों को जानने के लिए जिस मीडिया को बीजेपी से सवाल करना चाहिए वो गोदी मीडिया इस कार्यक्रम के बहिष्कार पर विपक्ष से सवाल कर रहा है।

 महामहिम के अधिकारो का भी अतिक्रमण कर रही है सरकार :दीपा शर्मा

दीपा शर्मा ने कहा कि देश संविधान से चलता रहा है और चलता रहेगा। लेकिन जब सरकार महामहिम के अधिकारो का भी अतिक्रमण करे तो फिर आखिर क्या करे?  उन्होंने कहा कि कोरोना काल में देश की जनता आक्सीजन के अभाव में तड़प रही थी, उस समय संसद भवन बनाया जा रहा था। शर्मा ने सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक सेंगोल (राजदंड) पर बोलते हुए बीजेपी से सवाल किया कि जब नेहरू को राजदंड सौंपा गया तो अंग्रेजी साम्राज्य से सत्ता का हस्तांतरण हुआ था, अभी कौन किसे सत्ता सौंप रहा है? क्या आप ऐसा करके भारत को मध्ययुगीन रजवाड़ा बनाना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि नए संसद भवन को तो इस तरह से पेश किया जा रहा है जैसे कि कोई नया देश बन रहा हो और वहां नई राजशाही सत्ता स्थापित की जा रही हो।  


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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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