2005 में हरियाणा में 90 में से 67 सीटें कांग्रेस को दिलाने वाले ये दिग्गज बन सकता है विपक्ष का नेता!
punjabkesari.in Tuesday, Oct 15, 2024 - 09:23 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ कृषि मंत्री रहे चौधरी भजन लाल को हरियाणा नहीं देश की राजनीति में पीएचडी माना जाता था। यही नहीं देश की पूर्व प्रधानमंत्री आयरन लेडी कहलाने वाली इंदिरा गांधी भी भजन लाल को एक दमदार, कदावर, वफादार देश का नेता मानती थी। चौधरी भजन लाल की सुबह पूजा पाठ, हवन से होती थी, गऊ सेवा से होती थी और सही मायनों में चौधरी भजन लाल न केवल हरियाणा के 36 बिरादरी के नेता थे बल्कि हर समाज का सम्मान करते थे और मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री होते हुए भी वह सदा फलदार व छायादार वृक्ष की तरह रहे।
कभी अहंकार उन्हें छू भी नहीं पाया और 2002 में चौधरी भजन लाल को कांग्रेस ने हरियाणा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया था उस दिन हरियाणा की 36 बिरादरी ने दिवाली मनाई थी और 2004 में चौधरी भजन लाल के नेतृत्व में हरियाणा को 10 में से 9 सीटें लोकसभा में मिली और 2005 में चौधरी भजन लाल की अध्यक्षता में और उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में आगे रख विधानसभा चुनाव लड़ा गया जिसमें कांग्रेस को भजन लाल ने 90 में से 67 सीटें दिलवाई लेकिन कांगे्रस ने चौधरी भजन लाल के नेतृत्व में बहुमत लेकर उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा अधिकतर दिल्ली रहते थे और उनकी लॉबिंग मजबूत रही और बताया जाता है कि सोनिया गांधी व उनके परिवार को गुमराह कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बनें और मुख्यमंत्री बनने के बाद 2009 में हुड्डा के नेतृत्व में कांगे्रस को 40 सीटें मिली। 2014 में फिर विधानसभा चुनाव हुआ और हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस को 90 में से 15 सीटें मिली और 2019 में फिर कांग्रेस ने हुड्डा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा कांग्रेस को 90 में से 31 सीटें और 2024 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा एकतरफा जीत अपनी बता रहे थे 90 में से 37 सीटें कांग्रेस को मिली।
मतलब स्पष्ट है कि हरियाणा में 2005 में पहली बार चौधरी भजन लाल के नेतृत्व में कांग्रेस को 90 में से 67 सीटें मिली जो प्रचंड बहुमत था और उसके बाद आज तक भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनकी टीम 67 सीटें क्या 48 सीटें लेकर भी कभी सरकार नहीं ला पाई। हरियाणा में जहां भाजपा को 48 सीटें मिली और वह बहुमत में आई और 17 अक्तूबर को मुख्यमंत्री शपथ लेंगे लेकिन वहीं कांग्रेस 37 पर रूक गई और अब कांगे्रस हाईकमान माथा पच्ची कर रही है, चिंतन कर रही है और यह महसूस कर रही है कि उन्हें निविर्रोध चेहरा आगे करना होगा। इस वक्त पंचकूला से चौधरी भजन लाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन जो कांगे्रस टिकट पर चुनाव लड़े और उन्होंने मौजूदा हरियाणा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को पटकनी दी और पांचवी बार विधायक बने और मधुरभाषी, बेदाग, ईमानदार, अपने पिता भजन लाल की तरह 36 बिरादरी के नेता हैं, पूर्व में डिप्टी सीएम रहे हैं और अपने पिता की तरह फलदार व छायादार हैं।
चंद्रमोहन के पिता चौधरी भजन लाल की भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी, अडवानी सहित हरियाणा के नेता इज्जत करते थे आज हरियाणा की 36 बिरादरी में एक ही चर्चा है कि अगर कांग्रेस ने हरियाणा में 2005 जैसा बहुमत लेना है तो कांग्रेस को भजन लाल का विकल्प चंद्रमोहन को बनाते हुए उन्हें विधायक दल का नेता घोषित करना होगा और चंद्रमोहन को हरियाणा में आने वाले समय में फ्री हैंड देना होगा। चंद्रमोहन एक काबिल, सुलझे हुए नेता हैं और 1993 से लगातार 2005 तक कालका से लगातार 4 बार विधायक रहे और अब शहरी क्षेत्र पंचकूला में अपना परचम लहराते हुए कांग्रेस का खाता खोला इसलिए अब समय की मांग है कि चंद्रमोहन को कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लकाअर्जुन खडगे, कुमारी सैलजा, केसी वेणू गोपाल जैसे दिग्गज नेताओं को अब चंद्रमोहन को अब हरियाणा की कमान देनी होगी ताकि आने वाले समय में कांग्रेस मजबूत होकर चंद्रमोहन के नेतृत्व में भजन लाल वाला 2005 का इतिहास दोहरा सके।
हालांकि आज टीवी में, अखबारों में, सोशल मीडिया में चंद्रमोहन के भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जगह विपक्ष का नेता बनने की खबरें चल रही है और जहां आग होती है वहीं धुंआ होता है लेकिन हरियाणा की जनता में इन खबरों को लेकर भारी उत्साह है क्योंकि आज भी हरियाणा में भजन लाल के बेटे चंद्रमोहन को भजन लाल का विकल्प समझकर देखा जाता है। इस बारे हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम एवं पंचकूला से नवनिर्वाचित कांग्रेस के विधायक चंद्रमोहन ने कहा कि पार्टी उन्हें जहां कहेगी वहां अपनी सेवा ईमानदारी से दूंगा जहां उनके नेता राहुल गांधी, कुमारी सैलजा उन्हें आदेश देंगे वह एक सैनिक की तरह मिलेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक होकर 2029 में हरियाणा व केंद्र में सत्ता की वापसी करनी है और राहुल गांधी को इस देश का प्रधानमंत्री बनाना ही उनका उद्देश्य है।