यमुना नदी के किनारे बसा अनोखा मंदिर, जहां भगवान की जगह पूजे जाते हैं शहीद

punjabkesari.in Saturday, Jan 25, 2020 - 08:42 PM (IST)

रादौर (कुलदीप सैनी): हरियाणा के जिला यमुनानगर का गांव गुमथला जो यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है। यह गांव बेशक छोटा है, लेकिन पहचान बहुत बड़ी है। दरअसल, यहां एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां भगवान की जगह शहीदों को पूजा जाता है। यही नहीं पिछले 19 सालों से यहां शहीदों की याद में हर साल मेला भी लगता है। वहीं मंदिर के पास से गुजरने वाला हर राहगीर शहीदों के इस अनोखे मंदिर को नमन करना नहीं भूलता।

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करनाल-यमुनानगर मार्ग पर स्थित देश के अनोखे इंकलाब मंदिर में भारतमाता, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव के साथ अस्फाक उल्ला खां जैसे अनेक आजादी के मतवालों की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। जिनकी 19 वर्षों से सुबह-शाम पूजा की जाती है, जिसमें इंकलाब जिंदाबाद जैसे देशभक्ति के नारे गुंजायमान होते हैं। इसके अलावा मंदिर में 125 से अधिक शहीदों के हाथ से बने हुए चित्र लगाए गए हैं। यह मंदिर रादौर के गांव गुमथला में पड़ता है।

वरयाम सिंह हैं मंदिर के संस्थापक
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इस मंदिर के संस्थापक एडवोकेट वरयाम सिंह हैं, जिहोंने बताया कि 5 दिसंबर 2001 को मंदिर में शहीद भगत सिंह पहली प्रतिमा स्थापित की गई। वरयाम सिंह बताते हैं कि अमर शहीदों के प्रति उनको लगाव बचपन से ही रहा है। स्कूल में पढ़ते समय से ही भगत सिंह पर कविताएं लिखने का शौक था। एडवोकेट वरयाम सिंह ने 650 शहीदों का रिकार्ड जुटाया हुआ है। उन्हीं के प्रयासों से भगत सिंह की फोटो वाले सिक्के जारी किए गए।

इंकलाब आयोग के गठन की लड़ाई
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वरयाम सिंह अब इंकलाब आयोग के गठन की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि इंकलाब आयोग बनवाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपना और अपने बच्चों का जन्म दिन मनाना भूल सकते हैं, लेकिन शहीदों का जन्मदिन मनाना कभी नहीं भूलते। क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों से भी बच्चे यहां शहीदों को नमन करने व उनके इतिहास के बारे जानने के लिए आते हैं।


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Shivam

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