हरियाणा विजिलेंस विभाग ने उजागर किया करोड़ों का घोटाला, स्कैम में तीन जिले टॉप पर

punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2019 - 08:41 PM (IST)

पंचकूला (उमंग): हरियाणा की मनोहर सरकार पर विपक्ष लगातार तरह-तरह के घोटालों के आरोप लगाता आ रहा है, लेकिन एक भी घोटाले को साबित करने में अक्सर नाकाम रहा है। वहीं मनोहर सरकार इन सभी आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए, बीजेपी सरकार के 100 फीसद भ्रष्टाचार मुक्त होने का दावा करती है। लेकिन विजिलेंस विभाग ने जो खुलासा किया है, उससे न केवल विपक्ष के बल्कि सत्तासीन पक्ष के कान खड़े हो गए हैं, क्योंकि यह घोटाला एक दम से खुलकर सामने आया और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।

दरअसल, दरअसल प्रदेश में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के पोस्ट मैट्रिक से ऊपर के स्टूडेंट्स की हायर एजुकेशन के लिए केंद्र की ओर से दी जाने वाली स्कॉलरशिप में बड़ा घोटाला सामने आया है। विजिलेंस की जांच में सोनीपत, रोहतक और झज्जर जिले में 3 साल में 26 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। इस घोटाले में 11 अधिकारियों और कर्मचारियों के समेत 4 प्राइवेट लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। फिलहाल घोटाले को लेकर विजिलेंस की अभी 19 जिलों की जांच चल रही है।

इस बारे में जानकारी देते हुए विजिलेंस विभाग के डीजीपी केपी सिंह ने बताया कि एससी-एसटी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप 2015 से आनलाईन की गई थी, जिसमें काफी गड़बड़झाला हुआ, कुछ आधार कार्ड और बैंक अकाऊंट नंबर मैच नहीं हुए। मामले में एफआईआर चंडीगढ़ में हुई तो पाया कई जिलों में गड़बड़ी मिली। कुछ शिक्षण संस्थानों ने जो केवल कागज में थे उनको एनरॉल कराया जबकि कुछ फार्म आफलाईन लिए गए। जिला स्तर पर ही कुछ लोगों के आधार कार्ड बदले गए, जिन लोगों का आधार कार्ड मैच नहीं किया तो बैंक ने विभाग को बताया था।

केपी सिंह ने बताया कि सोनीपत, रोहतक, झज्जर में 26 करोड़ की स्कालरशिप उन लोगों को दी गई थी जो डिसर्व नहीं करते थे। मंगलवार को इसमें पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है। बाकि जिलों में भी ये घोटाला अनुमानित है। हमने सरकार से कहा है कि चूंकि बैंक में पैसा हरियाणा से गया है और हरियाणा के लोगों को ही पैसे मिले हैं, इसलिए चंडीगढ़ से एफआईआर वापिस ले ली जाए।

उन्होंने बताया कि सबसे पहले घोटाले की शुरूआत सोनीपत से पता चली थी कि एफआईआर में विभाग के अधिकारी से लेकर शिक्षण संस्थान तक शामिल हैं। 25 से 30 फीसदी शिक्षण संस्थान और 40 फीसदी छात्र फर्जी थे। 2 डिप्टी डायरेक्टर स्तर तक के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।


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Shivam

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