चौधर की सियासत पर हाईकोर्ट का स्टे: कैथल चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कल, वोटिंग होगी पर नहीं जारी होगा परिणाम

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2024 - 04:53 PM (IST)

कैथल(जयपाल रसूलपुर): राजनीति कब किस करवट बैठेगी कुछ नहीं कहा जा सकता। ऐसा ही कुछ भाजपा व जजपा का गठबंधन टूटने के बाद कैथल में जिला परिषद चेयरमैन पद पर कई माह से चल रहे घमासान से देखने को मिल रहा है। गठबंधन टूटा तो जजपा के चेयरमैन दीपक मलिक उर्फ दीप जाखौली के खिलाफ भाजपा समर्थित 15 पार्षदों ने अविश्वास का शपथ पत्र दिया। चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया तो मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 19 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव के लिए होने वाली वोटिंग पर तो रोक लगाने से इंकार कर दिया, परंतु चुनाव परिणाम घोषित करने के लिए उसके फैसले का इंतजार करने को कहा। 

अब वोटिंग तो होगी, परंतु परिणाम घोषित नहीं होगा

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद भले ही 19 जुलाई को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया हो, परंतु वोटिंग के बाद चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगाकर मामले की सुनवाई पूरी होने तक चेयरमैन दीप मलिक को कुछ राहत जरूर दे दी है। 19 को होने वाली वोटिंग में चेयरमैन का ताज बचेगा या फिर नीचे से कुर्सी खिसकेगी, यह हाईकोर्ट से हरीझंडी मिलने पर वोटिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। 

21 पार्षदों में से 15 खिलाफ

भाजपा नेतृत्व ने इसी साल लोकसभा चुनावों से पहले मार्च माह में मनोहर की जगह नायब सैनी को प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान सौंपने के साथ जजपा से गठबंधन भी तोड़ लिया था। हरियाणा में भाजपा व जजपा गठबंधन सरकार के दौरान जनवरी 2023 में जजपा नेता दीपक मलिक उर्फ दीप जाखौली को कैथल जिला परिषद का चेयरमैन चुना गया था। गठबंधन टूटते ही दीप जाखौली की कुर्सी पर मंडराना शुरू हुआ खतरा अब अविश्वास प्रस्ताव तक पहुंच गया है। जिला परिषद के 21 पार्षदों में 15 भाजपा व 6 जेजेपी समर्थक माने जाते हैं। फिलहाल भाजपा समर्थित 15 पार्षद दीप के खिलाफ एकजुट बताए जा रहे हैं। हालांकि असली तस्वीर 19 जुलाई के अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग का परिणाम घोषित होने के बाद ही सामने आ पाएगी।

अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने और नोटिस जारी किए जाने में नियमों का ठीक से पालन नहीं किया गया है। इस पर माननीय हाइकोर्ट ने हमें राहत दी है और सरकार को नोटिस जारी किया है कि सफाई दें कि नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा है कि मतदान करवा लें लेकिन तब तक रिजल्ट घोषित नहीं करें जब तक हाइकोर्ट से हमारे केस का फैसला नहीं होता। हमारी मांग है कि प्रशासन कल होने वाली वोटिंग को स्थगित करे ताकि जब हाइकोर्ट से केस फाइनल हो जाए तब पूरी प्रक्रिया एक साथ करवा ली जाए।

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Content Editor

Saurabh Pal

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