सरकार को कहा था चुहिया को भी जेल में डाल दोगे, तो कपड़े -जूते पहन लूंगा : नीरज शर्मा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 27, 2022 - 04:44 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): हरियाणा सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर लगातार आक्रामक रहने वाले फरीदाबाद एनआईटी से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने 25 दिन पहले बजट सत्र के दौरान फरीदाबाद नगर निगम में हुए बड़े भ्रष्टाचार मे लिप्त 2 आईएएस समेत कई अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने तक सिले वस्त्र और जूते ना पहनने की भीष्म प्रतिज्ञा की थी। इस प्रतिज्ञा ने पूरी विधानसभा को हैरान कर दिया था। अब शर्मा चाणक्य की तरह अपनी शिखा (चोटी) में बिना गांठ लगाए नजर आए। इस सवाल के जवाब पर उन्होंने बताया कि मैंने गांठ की कोई प्रतिज्ञा नहीं ली है। लेकिन मैं उस प्रतिज्ञा पर अटल हूं जो कि मैंने भ्रष्टाचार में सरकार को कहा था कि चुहिया को भी जेल में डाल दोगे, तो कपड़े और जूते पहन लूंगा। लेकिन सरकार उस और ध्यान देने की बजाय गरीब किसानों की तूड़ी पर धारा 144 लगाने की तरफ ज्यादा ध्यान दे रही है।

जिस राजा से प्रजा दुखी हो उसे प्रभु स्वर्ग में नहीं बुलाते
शर्मा ने कहा कि पहले मौसम बदलने पर राजा महाराजा अनुष्ठान और यज्ञ करते थे। आज हमारे राजा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हैं। हमारे सनातन धर्म में ब्राह्मणों की सदा पूजा होती आई है। ब्राह्मणों को कोई बिना जूते कपड़े नहीं रखा जाता था। जिस राज्य से ब्राह्मण गुजरते थे, वहां का राजा ब्राह्मणों को दान देता था कि कहीं ब्राह्मण देवता रुष्ट ना हो जाए। लेकिन आज के राजा तूड़ी जैसी चीज पर 144 लगा रखे हैं और ब्राह्मण को इस प्रकार की हालत में  भटका रहे हैं। इसीलिए यह प्रभु की मार पड़ रही है।

आज जिन वस्त्रों में मैं घूम रहा हूं ऐसे ही वस्त्र मृत शरीर पर चढ़ाए जाते हैं। जब मैं अपनी मां या पत्नी के सामने इन वस्त्रों में जाता होऊंगा तो महसूस करें कि उनके दिल पर क्या बीतती होगी। जिन लाखों लोगों ने इतनी विपरीत परिस्थितियों में मुझे चुनकर विधानसभा में भेजा, उनके दिल पर क्या बीतती होगी। लाखों बहने-माताएं देखती होंगी कि धूप में मैं नंगे पैर घूम रहा हूं, पैर जल रहे हैं, उन पर क्या बीती होगी। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि जल्द सुधर जाओ, मेरा इससे कुछ नहीं बिगड़ेगा, क्योंकि ''जा पर कृपा राम की होई ता पर कृपा करे हर कोई"। हरियाणा के मुख्यमंत्री लगातार सत्र के दौरान रामायण की चौपाइयां सुनाते हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि राज पर बैठे व्यक्ति के हाथ से कोई काम होने पर अगर प्रजा दुखी हो तो प्रभु ऐसे व्यक्ति को स्वर्ग में नहीं बुलाता।

 


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Content Writer

Isha

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