90 मिनट में पहुंच सकेंगे दिल्ली से करनाल, रैपिड रेल कॉरिडोर पर जल्द शुरू होगा काम
punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2025 - 04:53 PM (IST)
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करनाल : दिल्ली को जीटी रोड के साथ-साथ सोनीपत, पानीपत और करनाल से रेलवे के माध्यम से जोड़ने वाले प्रोजेक्ट रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS ) का काम जल्द शुरू हो सकता है। दिल्ली में भाजपा की जीत के बाद से आरआरटीएस को धरातल पर लाने का रास्ता और भी आसान हो गया है। भाजपा ने दिल्ली चुनावों में अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट किया था कि वे आरआरटीएस का विस्तार करेंगे। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जैसे ही दिल्ली में भाजपा की सरकार काम करना शुरू करेगी, वैसे ही आरआरटीएस को लेकर भी काम शुरू हो जाएगा।
नेशनल हाइवे 44 (जीटी रोड) के साथ-साथ रेलवे का रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का प्रोजेक्ट बरसों से धरातल पर उतरने का इंतजार कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत जीटी रोड के साथ साथ हाईस्पीड रेल के जरिय करनाल को दिल्ली से कनेक्ट किया जाना है। सरकारों के स्तर पर तो इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तो पहले ही मंजूर हो चुकी है, अब बस अंतिम स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। इस परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को मज़बूत करना है।
भाजपा ने हाल ही में दिल्ली चुनावों में जो घोषणापत्र जारी किया था। इसमें में फेज 1 में प्रस्तावित दोनों आरआरटीएस कॉरिडोर को तेज़ी से पूरा करने का वादा किया था। जिसमें दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर और दिल्ली-पानीपत-करनाल लाइन शामिल है। इसके अलावा, वाणिज्य मंत्रालय ने भी दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर को पीएम गति शक्ति योजना के तहत चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक के रूप में समीक्षा की है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य में लगभग 6 साल लगेंगे, जो दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ को जोड़ने वाली पहली आरआरटीएस लाइन की समय-सीमा पर आधारित है। अगला कदम भूमि अधिग्रहण का होगा। हालांकि अधिकांश रूट सरकारी जमीन पर है, जिससे देरी की संभावना कम होगी।
यह कॉरिडोर 136 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 21 स्टेशन होंगे, जो दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर करनाल के नए आईएसबीटी तक जाएंगे। इस परियोजना से दिल्ली और करनाल के बीच यात्रा का समय आधा हो जाएगा, जो फिलहाल 180 मिनट है और इसे घटाकर 90 मिनट किया जाएगा। यह लाइन दिल्ली को एनसीआर और हरियाणा के प्रमुख शहरी केंद्रों से जोड़ेगी, जिसे 2032 की फंक्शनल ट्रांसपोर्ट प्लान में भी प्रमुखता से चिन्हित किया गया था।