बड़े भाई का सपना पूरा करने के लिए छोटे ने छोड़ दी कुश्ती, अब वेटलिफ्टिंग में चमका रहा नाम
punjabkesari.in Friday, Jun 02, 2023 - 12:52 PM (IST)

पानीपत (सचिन) : हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने शहर, गांव और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करें। परंतु कई बार ऐसी अनहोनी हो जाती है जिससे सपने अधर में ही दम तोड़ देते हैं। ऐसा ही एक सपना था पानीपत के नारा गांव के रहने वाले वेटलिफ्टर के खिलाड़ी प्रदीप का। प्रदीप ओलंपिक में अपने देश को रीप्रजेंट कर मेडल लाना चाहता था, परंतु सन् 2015 में खिलाड़ी प्रदीप की कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। पर उसका सपना जिंदा था।
छोटे भाई ने बड़े भाई के सपने को पूरा करने के लिए छोड़े थे अपने सपने
प्रदीप का छोटा भाई गुरमीत जोकि गांव में ही कुश्ती का एक अच्छा प्लेयर था। उसने भाई का सपना पूरा करने के लिए कुश्ती छोड़कर वेटलिफ्टिंग करना शुरू कर दिया। गुरमीत ने भाई प्रदीप के सपने को पूरा करने के लिए अपने सपनों को छोड़ दिया। भाई का सपना पूरा करने के लिए सन 2016 में गुरमीत ने वेटलिफ्टिंग करना शुरू कर दिया। कड़ी मेहनत और परिश्रम के बाद 2017 में स्कूल नेशनल चैंपियनशिप के पहले ही अटेंप में गोल्ड मेडल हासिल किया। 2018 में गुरमीत ने स्टेट लेवल पर सिल्वर मेडल हासिल किया। उसके बाद 2018 में गुरमीत का सिलेक्शन जूनियर नेशनल में हो गया। जूनियर नेशनल में 89 किलो बॉडिवेट में गुरमीत ने स्नैच कर 135 किलो वजन उठाकर रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल हासिल किया।

2019 में 137 किलो भार उठाकर नया रिकॉर्ड किया था कायम
2019 में 96 किलोग्राम बॉडीवेट में 137 किलोग्राम भार उठाकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया और नया रिकॉर्ड कायम कर दिया था। 2020 में लोक डाउन लगने के कारण कोई प्रतियोगिता नहीं हुई। लॉकडाउन में बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए पिता राममेहर ने भी पूरा साथ दिया। सन् 2021 में गुरमीत का सिलेक्शन सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में हुआ। सीनियर नेशनल चैंपियन शिप में 96 किलोग्राम बॉडी वेट में फिर गुरमीत ने गोल्ड मेडल हासिल किया। 96 वे किलोग्राम बॉडिवेट भार में इंडिया चैंपियन का खिताब गुरमीत के नाम है। गुरमीत अब दिन-रात प्रैक्टिस कर भाई के सपनों को पूरा करने के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी कर रहा है।
गुरमीत ने बताया कि उसका सपना एक अच्छा पहलवान बनने का था। पर वह भाई के सपने को भी टूटता नहीं देख सकता था। इसलिए उसने वेटलिफ्टिंग को चुन लिया और वह इस सपने के लिए जी जान से मेहनत कर एक दिन ओलंपिक में मेडल लाकर देश का नाम भी रोशन करेगा। उसने बताया कि पानीपत में कोई भी वेटलिफ्टिंग के लिए एकेडमी नहीं है। वह पहले वेटलिफ्टिंग के लिए मधुबन, यमुनानगर दूसरे शहरों में जाकर कोचिंग ले रहा था, पर अब पिता ने घर में ही उसे वेटलिफ्टिंग का हॉल बनाकर दिया है जिसमें वह सुबह शाम प्रैक्टिस कर रहा है। वहीं साथ में शाम को उसका बॉडी बिल्डर दोस्त बेदी गुर्जर भी उसकी मदद करता है। गुरमीत ने बताया कि उसके पिता राममेहर एक किसान हैं और वह भी भाई के सपने को पूरा करने के लिए आर्थिक स्थिति ठीक ना होते हुए भी उन्हें किसी चीज की कमी नहीं आने देते।
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