सोनीपत के युवा बन रहे अन्य युवाओं के लिए मिसाल, अपने खर्च पर किया पशु-पक्षियों के लिए अस्पताल शुरू
punjabkesari.in Wednesday, Jun 07, 2023 - 05:45 PM (IST)

सोनीपत (सन्नी) : आज के समय के युवाओं में सहनशीलता की कमी बताई जाती है और कहा जाता है कि अगर कोई भी क्राइम या कोई बड़ी वारदात होती है तो उसमें युवाओं का शामिल होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन सोनीपत के रहने वाले जयंत भोरिया ने युवाओं के सामने एक नई मिसाल पेश की है।

2013 में हेल्पिंग हैंड के नाम से की थी NGO की शुरुआत
आपको बता दें कि 2013 में स्कूल की पढ़ाई के दौरान जब वह घर आ रहा था तो उसे दो कुत्तों की लड़ाई देखने को मिली और उसने एक कुत्ते को एक छोटा सा पथर फेंक कर मार दिया। जिसके बाद वह पूरी तरह घायल हो गया। उसके बाद वह बहुत दुखी हुआ और उसने मन में ठान ली कि वह अब घायल पशु-पक्षियों का इलाज करेगा। जिसके बाद 2013 में ही हेल्पिंग हैंड के नाम से एक एनजीओ की शुरुआत की। जयंत ने अपने साथ एक युवाओं की टीम खड़ी की।
धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर लेते है भाग
हालांकि उस समय इनकी एनजीओ का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था, लेकिन 2019 में अपनी एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अब इन युवाओं की टीम एक सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्र में उपचार केंद्र चला रहे हैं। जो बेसहारा गोवंश के साथ-साथ पक्षियों का इलाज भी कर रहे हैं। इनके इस उपचार केंद्र में बंदर, कुत्ते, बिल्ली, घोड़े, खच्चर जो बुरी तरह घायल पहुंचते हैं, जिनका यह अपने खर्च पर इलाज करते हैं। पहले यह काम सड़कों पर करते थे, लेकिन अब अपने उपचार केंद्र में कर रहे हैं। जयंत का कहना है कि वह सड़कों से सूचना के बाद घायल पशु-पक्षियों को लेकर अपने उपचार केंद्र आते हैं और ठीक होने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं। गोवंश को गौशाला में छोड़ कर आते हैं। इसके अलावा वह अन्य धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।

2013 से अब तक 3500 से ज्यादा पशु पक्षियों का कर चुके इलाज
वहीं जयंत भोरिया का कहना है कि आस-पास के गांव में भी उन्होंने अपने नंबर दे रखे हैं। जहां से भी कॉल आती है। वह किसी भी तरह के पशु-पक्षी हो वह वहां पहुंच जाते हैं और वहां से उन्हें लेकर अपने उपचार केंद्र पहुंचते हैं। पहले सड़कों पर इलाज के दौरान उन्हें एक सेट की कमी महसूस होती थी जो अब उन्होंने पूरी कर ली है। क्योंकि कुछ पशुओं का इलाज सैड के नीचे ही हो पाना संभव होता है। अब उपचार केंद्र पर वह पिछले एक साल से इलाज कर रहे हैं। इलाज का खर्च वह अपने आप ही उठा रहे हैं। पशुओं के लिए चारे का सहयोग मिलने लगा है और दो-तीन महीने से दवाइयों का सहयोग भी मिल रहा है। वहीं 2013 से अभी तक वह 3500 से ज्यादा पशु पक्षियों का इलाज कर चुके हैं। वहीं युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को भी ऐसे कार्यों में जुटना चाहिए।
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Related News
Recommended News
Recommended News

Delhi Ramlila news: रामलीला कमेटियों ने माना भाजपा का प्रस्ताव

भारत-कनाडा विवादः विपक्षी नेता एंड्रयू शीर ने पीएम ट्रू़डो पर साधा निशाना, बोला- भारत के खिलाफ सबूत हैं तो...

राहुल गांधी ग्रामीण आवासीय योजना की करेंगे शुरुआत...PM मोदी रहेंगे भोपाल दौरे पर, मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ में पढ़ें देश की बड़ी खबरें

Parivartini Ekadashi: आज करें ये उपाय, श्री हरि की कृपा से खुशियां खटखटाएंगी आपका द्वार