नोटबंदी की तीसरी बरसी पर भी लोगों में छाई रही मायूसी

punjabkesari.in Saturday, Nov 09, 2019 - 12:41 PM (IST)

गुहला-चीका (कपिल) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 व 1,000 के नोटों को अचानक बंद करते हुए फरमान सुनाया था जिसका दंश लोग भूल नहीं पा रहे। किसी के घर में कोई बीमार था, तो किसी के घर में शादी थी, किसी ने अपनों को इस दौरान खोया तो किसी ने खुद को ठगा हुआ पाया। नोटबंदी के दौरान आमजन को लाइनों में कई-कई दिनों तक खड़ा होना पड़ा और आपस में लड़ाई-झगड़े भी हुए।

नोटबंदी के बाद से लगातार ही रोजगार का स्तर घटता गया व लोगों में रुपए-पैसे की किल्लत बढऩे लगी। 8 नवम्बर को नोटबंदी की तीसरी बरसी पर लोगों से इस संबंध में बात की तो ज्यादातर लोगों के चेहरे पर इस विषय को लेकर मायूसी ही देखी गई। लोगों ने कहा कि नोटबंदी के कारण दुकानदारों के पास वैसा काम नहीं रहा, जैसा वर्ष 2016 से पहले होता था। 
नोटबंदी के बाद जमीनों के भाव लगातार गिरे हैं।

कुछ गिने-चुने क्षेत्र हैं जहां जमीनों के भाव स्थिर रहे हैं, अन्यथा बहुत ही बुरी तरह से जमीनें प्रभावित हुई हैं। लोगों ने बताया कि नोटबंदी के कारण स्वरोजगार चला रहे दुकानदारों व छोटे-मध्यम वर्गीय व्यापारियों को दिक्कतें पेश आई हैं। नोटबंदी के कारण बाजार से एकदम से 500 व 1,000 के नोट जो पहले प्रचलन में थे, एकाएक बंद हो गए और इसी कारण नई करंसी आने में टाइम लगा।

लोगों ने कहा कि नए नोटों की कॉपी भी लोगों ने खूब की जिसकी वजह से बाजार में नए नकली नोटों का प्रचलन बढ़ा जो 500 व 1,000 के नकली नोट प्रचलन में थे, उसके बाद जितने भी नए नोट आए, तकरीबन सभी की नकली करंसी भी बाजार में आई और नए नोटों की पहचान न होने की वजह से दुकानदारों, व्यापारियों व किसानों को ठगी का शिकार होना पड़ा।


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Isha

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