किसानों की चिंता अभी भी बरकरार, घग्गर पार क्षेत्र में जल स्तर हुआ कम

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 12:34 PM (IST)

गुहला/चीकाःगत दिवस घग्गर नदी के जलस्तर बढऩे से रत्ता खेड़ा घड़ाम व रत्ता खेड़ा लुकमान के क्षेत्र में किसानों के लिए घग्गर नदी मुसीबत खड़ी हो गई थी। जानकारी देते हुए सुरेश प्रजापति, मनजीत सिंह पूर्व सरपंच, पूर्ण सिंहगत दिवस घग्गर नदी के जलस्तर बढऩे से रत्ता खेड़ा घड़ाम व रत्ता खेड़ा लुकमान के क्षेत्र में किसानों के लिए घग्गर नदी मुसीबत खड़ी हो गई थी। जानकारी देते हुए सुरेश प्रजापति, मनजीत सिंह पूर्व सरपंच, पूर्ण सिंह, सीरिया राम, टेेकचंद, टहल सिंह, काला सिंह, नेक सिंह, अमरीक सिंह आदि ने कहा कि घग्गर पार के क्षेत्र खम्बेड़ा, सरोला, रत्ता खेड़ा, भाटियां आदि गांवों की सैंकड़ों एकड़ जमीनों को काफी नुक्सान पहुंचा है। 

गांव रत्ता खेड़ा वासी गुरदेव जोसन ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों आई बाढ़ को किसान अभी भूले भी नहीं थे कि कुदरत का कहर उन पर फिर से टूट पड़ा है, घग्घर नदी छलकने से किसानों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। किसानों की मेहनत से तैयार की गई फसल पानी में डूब चुकी है। किसानों अजैब सिंह, गुरदीप सिंह, बख्शीश सिंह, कृपाल सिंह, बलबीर सिंह, बलजीत सिंह, हरबंश सिंह, गुरमुख सिंह, विचित्र सिंह, हरचेत नम्बरदार, गुरदेव सिंह, संतोख सिंह, आशा सिंह, गुरप्रीत टोनी, मलकीत सिंह, गुरचरण सिंह का कहना है कि पहले तो जैसे तैसे उन्होंने पौध खरीद कर लगा ली थी लेकिन अब तो कुछ रहा ही नहीं।

जहां तक कि पशुओं के लिए भी हरा व सूखे चारे की मुसीबत आन पड़ी है। सिहाली व मोहनपुर का दूसरे गांवों से फिर से सम्पर्क टूट चुका है। 12 घंटे बीतने के बाद भी कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी उनकी सुध तक लेने नहीं आया। किसानों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन को ए.सी. कमरों में बैठने की आदत है वे भला बाहर क्यों निकलेंगे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static