मेवात मॉडल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने किया परीक्षाओं का बहिष्कार

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 12:57 PM (IST)

नूंह मेवात(ऐके बघेल):  मेवात मॉडल स्कूल नूंह के छात्र-छात्राओं ने अपनी परीक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। छात्र छात्राओं का कहना है कि स्कूल के ही हॉस्टल में रेनू नाम की छात्रा की हत्या के मामले में स्कूल के 2 अध्यापक व एक हॉस्टल वार्डन की गिरफ्तारी की गई है वह गलत है। जिसके विरोध में सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी परीक्षाओं का बहिष्कार किया है। मेवात मॉडल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने कहा कि जब तक गिरफ्तार किए गए अध्यापकों को रिहा नहीं किया जाता है तब तक वह अपनी परीक्षाएं नहीं देंगे। 
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मेवात मॉडल स्कूल की बारहवीं की छात्रा रेनू आत्महत्या मामले में तीन अध्यापकों  की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को सीबीएसई की नॉन बोर्ड की कक्षाओं के छात्रों ने एग्जाम देने से साफ इंकार करते हुए कहा कि पहले उनके निर्दोष गुरुजनों की रिहाई होगी, तभी वे अपना पेपर देंगे। बच्चों ने भारी संख्या में एकत्रित होकर तीन अध्यापकों की गिरफ्तारी और कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी रिहाई नहीं होने से नाराज होकर खूब हंगामा किया।  
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अध्यापकों ने समझाने की कोशिश भी की, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही। एग्जाम नहीं देने का यह कोई पहला फैसला नहीं है। इससे पहले भी एक बार छात्र परीक्षा का बहिष्कार कर चुके हैं। विवाद के चलते एक तरफ अध्यापक विरोध कर यूनियन बनाकर एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का फैसला कर चुके है तो दूसरी तरफ बच्चे भी अपने गुरुजनों के साथ खड़े दिखाई दे रहे है। अगर विवाद जल्द शांत नहीं हुआ तो पेपरों का मूल्यांकनों में भी परेशानी आ सकती है। 
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सूत्रों के मुताबिक सोमवार को 1 - 8वीं के अलावा 9वीं और 11वीं के एग्जाम की तिथि तय थी। बच्चे एग्जाम देने तो बसों में सवार होकर स्कूल पहुंचे, लेकिन अचानक परीक्षा नहीं देने का फैसला कर अध्यापकों की परेशानी बढ़ा दी। बता दें कि मेवात मॉडल स्कूलों के सैकड़ों अध्यापकों के अलावा जनस्वास्थ्य विभाग , हसला , हरियाणा अध्यापक संघ , सर्व कर्मचारी संघ इत्यादि से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने गांधी पार्क नूंह में एकत्रित होकर पुलिस - प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए एकजुटता दिखा चुके है। 
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गौरतलब है कि बारहवीं की छात्रा रेनू का शव हॉस्टल के उसके कमरे में गत 19 दिसंबर को फांसी के फंदे पर झूलता मिला था। पुलिस ने पीड़ित रोहताश की शिकायत पर प्रिंसिपल सोमवीर राणा सहित पांच अध्यापकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन कई माह की जांच और एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद हत्या की धाराओं को आत्महत्या में बदल दिया। जिसके बाद गत 1 मार्च को नूंह पुलिस ने तीन अध्यापकों महावीर पीटीआई , शाहआलम और वार्डन सारस्वत को पूछताछ के लिए बुलाकर हिरासत में ले लिया। 
 

अध्यापकों को जब तीन अध्यापकों की गिरफ्तारी का पता चला तो उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी। इसके अलावा कई कक्षाओं के छात्रों ने परीक्षाओं का बहिष्कार तक कर दिया। रेनू आत्महत्या मामले में अध्यापक साथियों को बरी करने की जिद पर अड़े हैं , तो सैकड़ों बच्चों को भी हिरासत में लेकर जेल भेजे गए गुरूजी निर्दोष दिखाई दे रहे है। बच्चों ने गुरुजनों की रिहाई की मांग की है। छात्राओं ने तो पीड़ित रोहताश पर ही अध्यापकों से करोड़ों रुपये मांगने के आरोप लगा दिए।
 


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