इंटरस्टीशियल लंग डिजीज से जूझ रही 42 वर्षीय माँ को तत्काल फेफड़े के प्रत्यारोपण की आवश्यकता
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 07:11 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : दिल्ली की 42 वर्षीय सुमन, इंटरस्टीशियल लंग डिजीज (ILD) से पीड़ित होने के बाद अपनी जान की बाजी लगा रही हैं। यह एक प्रगतिशील और अपरिवर्तनीय बीमारी है जिसके कारण उनके फेफड़े केवल 15% ही काम कर पा रहे हैं। उनके 80% फेफड़े स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, इसलिए उनके बचने का एकमात्र रास्ता तत्काल फेफड़े का प्रत्यारोपण है, जिसकी लागत कई लाख रुपये है - जो उनके परिवार की क्षमता से कहीं अधिक है।
जनवरी 2023 से, सुमन की सेहत तेज़ी से बिगड़ रही है। सांस लेने में तकलीफ से शुरू हुई यह समस्या जल्द ही बार-बार आपातकालीन अस्पताल जाने और AIIA दिल्ली और AIIMS दिल्ली में गंभीर उपचार तक पहुँच गई। महीनों तक चली तेज़ दवाओं, ऑक्सीजन थेरेपी और इम्यूनोसप्रेसेन्ट के बावजूद, बीमारी बढ़ती ही जा रही है। उनका बेटा, शुभम, असहाय होकर अपनी माँ को हर साँस के लिए संघर्ष करते हुए देख रहा है। उन्होंने कहा, "किसी भी बच्चे को अपनी माँ को इस तरह कष्ट सहते नहीं देखना चाहिए। हमने हर संभव कोशिश की है, लेकिन अब हम अकेले यह सब नहीं कर सकते।
सुमन का सपना है कि वह अपने बच्चों को बड़े होते हुए देखें, उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाएँ और साँस लेने के लिए संघर्ष करने के निरंतर दर्द से मुक्त जीवन जिएँ। सामूहिक सहयोग से यह सपना हकीकत में बदल सकता है। इम्पैक्ट गुरु ने सुमन के जीवन रक्षक प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक धन जुटाने में मदद के लिए एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया है।