खेल का जुनून : SGADF ने 40 लाख छात्रों को जोड़ा, संस्थापक शिवम ठाकुर का सपना—''भारत बनेगा स्पोर्ट्स कंट्री''
punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 07:03 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : क्या आप जानते हैं कि आपका खेल का मैदान सिर्फ मस्ती की जगह नहीं, बल्कि आपके करियर का दरवाज़ा भी बन सकता है? यही कर दिखाया है स्कूल गेम्स एंड एक्टिविटी डेवलपमेंट फाउंडेशन (SGADF) ने, जिसने 2017 में शुरू होकर अब तक 40 लाख (4 मिलियन) से ज़्यादा छात्रों को खेलों से जोड़ दिया है। यह सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि भारत के युवाओं के लिए एक ऐसा मंच बन चुका है जो जुनून को पहचान दिलाता है और भविष्य सुरक्षित करता है। SGADF की यह कामयाबी किसी चमत्कार से कम नहीं, और इसके पीछे हैं एक जुझारू खिलाड़ी शिवम ठाकुर, जो खुद इंडिया टीम के काउंटी पिस्टल शूटर हैं। श्री ठाकुर का एक ही सपना है—"मेरा स्पष्ट सपना है कि एक दिन, भारत को एक स्पोर्ट्स कंट्री के नाम से जाना जाए।"
SGADF में क्यों शामिल हों? ये हैं आपके लिए सबसे बड़े फायदे
अगर आप या आपके बच्चे खेलों में रुचि रखते हैं, तो SGADF से जुड़ना किसी बड़ी लॉटरी से कम नहीं है। यह संस्था सिर्फ मेडल नहीं देती, बल्कि आपके भविष्य की राहें आसान करती है:
सरकारी नौकरी और एडमिशन की गारंटी
आज के समय में नौकरी पाना कितना मुश्किल है, लेकिन SGADF इसे आसान बना रहा है।
सरकारी नौकरी में सीधा लाभ: SGADF के प्रमाण पत्रों की मान्यता है, खासकर सरकारी ग्रुप सी और डी की नौकरियों में स्पोर्ट्स कोटा के तहत। इसका मतलब है कि मेडल आपको एक सुरक्षित सरकारी नौकरी दिलवा सकता है।
फॉर्म-1, 2, 3, और 4 की सुविधा: जो खिलाड़ी सरकारी कोटे से कॉलेज में एडमिशन या नौकरी चाहते हैं, उनके लिए ये फॉर्म बहुत ज़रूरी होते हैं। SGADF अपने मेधावी एथलीटों को ये सभी ज़रूरी प्रमाण पत्र और डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध कराता है, ताकि उन्हें कहीं भटकना न पड़े।
700+ सफलता की कहानियाँ: 2017 से अब तक 700 से अधिक एथलीट SGADF के प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल करके सरकारी और निजी नौकरियों में लग चुके हैं या अच्छे कॉलेजों में एडमिशन पा चुके हैं।
विश्वस्तरीय मान्यता—SGADF है भरोसे का नाम
SGADF को भारत में ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त है। यह संस्था भारत में एकमात्र ऐसी संस्थाओं में से है जो तीन बड़ी अंतर्राष्ट्रीय खेल संस्थाओं से मान्यता प्राप्त है।
IOC से जुड़ी संस्थाओं से मान्यता: SGADF को TAFISA, IAKS, और ICSSPE जैसी विश्व की प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह सभी संस्थाएं स्वयं अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) से जुड़ी हुई हैं। यह मान्यता आपके प्रमाण पत्र की कीमत को विश्व स्तर पर बढ़ा देती है।
सरकार के साथ मिलकर काम
SGADF सिर्फ एक निजी संस्था नहीं है, यह राष्ट्रीय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने की सरकारी मुहिम का हिस्सा है।
Fit India का हिस्सा: SGADF भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त Fit India Movement का एक सक्रिय सदस्य है।
आर्थिक मदद और स्पॉन्सरशिप: मेधावी एथलीटों को उनके ट्रेनिंग और टूर्नामेंट के लिए SGADF से स्पॉन्सरशिप मिलती है। इतना ही नहीं, जो खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतते हैं, उन्हें सरकार की तरफ से भी नकद पुरस्कार दिए जाते हैं।
SGADF का मज़बूत ताना-बाना
SGADF का काम सिर्फ टूर्नामेंट कराना नहीं है, बल्कि एक पूरा इकोसिस्टम तैयार करना है। यह संस्था भारतीय सरकारी अधिनियम 1882 के तहत पंजीकृत है और नीति आयोग (NITI Ayog) से भी जुड़ी है। इसके उच्च गुणवत्ता वाले कार्यों के लिए इसे ISO 9001:2015 का सर्टिफिकेट भी मिला हुआ है।
कोचों का बड़ा नेटवर्क: संस्था से 300 से अधिक कोच जुड़े हुए हैं, जो राज्य संघों के माध्यम से छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं।
17+ देशों में पहुँच: SGADF की पहुँच 17 से ज़्यादा अंतर्राष्ट्रीय शाखाओं तक है, जो भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी धरती पर खेलने का मौका देती है।
प्रतिभा खोज का महाकुंभ: SGADF हर साल जिला, राज्य, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और एशियाई चैंपियनशिप का आयोजन करता है ताकि नई प्रतिभाओं को ढूंढा जा सके और उन्हें आगे बढ़ने का पूरा मौका मिल सके।
SGADF का परिवार: SGADF अपने बड़े लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक परिवार की तरह काम करता है, जिसमें स्कूल गेम्स एंड एक्टिविटी फेडरेशन ऑफ इंडिया, नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फेडरेशन, खेलोहिंद, यूनिवर्स बुक ऑफ रिकॉर्ड, गौरव अवार्ड्स और जीरो7 जैसी स्वायत्त संस्थाएं भी शामिल हैं।
संस्थापक शिवम ठाकुर की तरह, SGADF का हर खिलाड़ी भारत के लिए मेडल जीतने और अपने करियर को ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना देख रहा है। 40 लाख छात्रों का यह सफर सिर्फ एक शुरुआत है; भारत को एक 'स्पोर्ट्स कंट्री' बनाने का मिशन पूरे जोश में है।