दिव्यांगजनों के कौशल, समावेशन और नीतिगत पहल को मिलेगा नया आयाम

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 07:21 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : देश के विभिन्न शहरों में रीजनल एबिलिंपिक्स के सफल आयोजन के बाद अब बहुप्रतीक्षित नेशनल एबिलिंपिक्स 2025 और 12वां नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन डिसएबिलिटी (एनसीडी) इस नवंबर नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। यह सम्मेलन सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा नेशनल एबिलिंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनएएआई) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसे दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्लूडी), टीपीसीडीटी और इंडसइंड बैंक का समर्थन प्राप्त है। यह आयोजन 20 और 21 नवंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टिट्यूट (सीएसओआई) में होगा। दो दिवसीय कार्यक्रम में 22 सदस्यों वाला रूसी प्रतिनिधिमंडल, जिसमें 10 प्रतिभागी शामिल हैं, लगातार दूसरे साल भारतीय ओलंपिक प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा है। यह पहल विकलांग लोगों के लिए सहयोग और समर्थन बढ़ाने के साथ-साथ रूस और भारत के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। 

 

यह दो दिवसीय आयोजन सरकारी प्रतिनिधियों, कॉर्पोरेट क्षेत्र, गैर-सरकारी संगठनों, मीडिया प्रतिनिधियों और दिव्यांग जनों को एक मंच पर लाएगा, जहाँ भारत में समावेशन, कौशल विकास और सतत विकास के बदलते परिदृश्य पर चर्चा होगी। अब अपने 12वें संस्करण में पहुँच चुका नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन डिसएबिलिटी (एनसीडी) भारत में दिव्यांग समावेशन के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख मंचों में से एक बन चुका है। वर्ष 2025 का यह सम्मेलन ’सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स एंड डिसएबिलिटी इन्क्लूजन’ (सतत विकास लक्ष्य और दिव्यांग समावेशन) विषय पर आधारित होगा, जिसका उद्देश्य प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में दिव्यांगता के दृष्टिकोण को शामिल कर सच्चे अर्थों में समावेशी विकास को आगे बढ़ाना है।  सम्मेलन के साथ आयोजित होने वाला नेशनल एबिलिंपिक्स 2025 चारों रीजनल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को एक मंच पर लाएगा। इनमें साउथ ज़ोन (चेन्नई), वेस्ट ज़ोन (मुंबई), नॉर्थ ज़ोन (लखनऊ), और ईस्ट एवं नॉर्थ-ईस्ट ज़ोन (गुवाहाटी) शामिल हैं, जहां देशभर के 20 से अधिक राज्यों से 500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने आईसीटी, क्राफ्ट्स, हॉस्पिटैलिटी और सर्विसेज़ जैसी विभिन्न कौशल श्रेणियों में हिस्सा लिया था। अब ये 60$ विजेता नेशनल स्तर पर प्रतिस्पर्धा करेंगे, जहाँ सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन टीम इंडिया के रूप में 2027 में फिनलैंड में होने वाले 11वें इंटरनेशनल एबिलिंपिक्स के लिए किया जाएगा, जिसे दिव्यांग जनों के लिए कार्य-कौशल ओलंपिक के रूप में जाना जाता है। 

 

कार्यक्रम से पहले नेशनल एबिलिंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव और सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्थापक एवं सीईओ डॉ. जितेन्द्र अग्रवाल ने कहा नेशनल एबिलिंपिक्स और एनसीडी केवल वर्षभर के प्रयासों का परिणाम नहीं, बल्कि भारत की समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि हैं। इस मंच के माध्यम से हम कौशल को अवसर में और अवसर को सशक्तिकरण में बदल रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2027 तक 1 करोड़ दिव्यांग जनों को प्रशिक्षण देना और 2 लाख सतत रोजगार सृजित करना है, जो हमारे हर प्रयास का मार्गदर्शन करता है। पिछले एक वर्ष के दौरान आयोजित रीजनल एबिलिंपिक्स ने असम के ग्रामीण इलाकों से लेकर महानगर मुंबई तक दृढ़ता और प्रेरणा से भरी अनेक कहानियाँ सामने लाई हैं, यह साबित करते हुए कि कौशल की कोई सीमा नहीं होती। सरकार की मज़बूत साझेदारी और कॉर्पोरेट क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ आगामी राष्ट्रीय आयोजन भारत की समावेशी और सतत विकास यात्रा का एक निर्णायक पड़ाव साबित होने जा रहा है।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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