1332 तालाबों में नहीं पशुओं के पीने लायक पानी

punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2019 - 05:02 PM (IST)

जींद (ब्यूरो): लगातार खत्म होते जा रहे तालाबों के अस्तित्व से पशुपालकों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी हैं। झुलसा देने वाली गर्मी में जहां लोगों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है, वहीं पशुओं की जान भी हलक में आ गई है। जिले में इस समय हालत यह है कि 1865 में से 1332 तालाबों में पानी पशुओं के पीने लायक नहीं है। मजबूरी में पशुओं द्वारा यह पानी पीने से पशु बीमार हो रहे हैं।  

ग्रामीण क्षेत्र में 90 प्रतिशत से पशुपालक रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों और मजदूरों का जीवन पशुओं पर ही निर्भर रहता है। ज्यादातर ग्रामीण लोग पशुओं का दूध बेचने से लेकर इनकी खरीद-बेच कर अपना गुजारा करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आय का जरिया पशुओं के लिए पीने का पानी तक नहीं मिलेगा तो इसका प्रभाव उनकी आय पर पडऩा स्वाभाविक है। गंदा पानी पीने से पशु हो जाते हैं। तालाबों में पशुओं के पीने योग्य पानी नहीं होने के कारण ज्यादातर किसान पशुओं को घरेलू हैंडपम्पों से पानी पिलाने और नहलाने का काम कर रहे हैं।

इससे एक तो ज्यादा पानी व्यर्थ बहता है और दूसरे यह सुविधा सभी लोगों के पास नहीं है। इसके चलते पशुपालकों को गर्मी के इस सीजन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में पशुओं को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। तालाबों में पशुओं के लिए अच्छा पानी नहीं होने के कारण पशुओं के बीमार पडऩे का खतरा बना हुआ है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Naveen Dalal

Recommended News

Related News

static