अनलॉक पीरियड शुरू होने के बाद भी हरियाणा रोडवेज की लगभग 1700 बसें डिपो में खड़ी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 22, 2020 - 12:13 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा रोडवेज को दिल्ली,हिमाचल व उत्तराखंड ने फिलहाल बसें चलाने की अनुमति नही दी है। हरियाणा परिवहन विभाग के अधिकारी इन्हें अनलॉक पीरियड शुरू होने के बाद कई बार पत्राचार कर चुके हैं। दिल्ली की अनुमति न मिलने के कारण गुरुग्राम,फरीदाबाद की बसें फिलहाल के एम.पी मार्ग को अपना रहीं हैं। हरियाणा रोडवेज की लगभग 1700 बसें अभी विभिन्न डिपू में खड़ी हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉक डाउन से पहले हरियाणा की 3600 बसें सड़कों पर विभिन्न राज्यों में दौड़ती थी। उनमे से कुछ खराब भी खड़ी है, लेकिन अब लगभग प्रतिदिन 1764 बसें सड़कों पर है। अभी दिल्ली ,उत्तराखंड, हिमाचल की एन ओ सी नही मिली है। लॉक डाउन से पहले जो टोटल रिसीप्ट 3 करोड़ से अधिक की थी, आज की तिथि में प्रतिदिन वह 1 करोड़ 92  लाख के पास पहुंची है। आज प्रतिदिन हरियाणा की बसें 4 लाख 54 हजार 938 किलोमीटर कवर कर रहीं हैं। बसों में 2 लाख 15 हजार 681 यात्री सफर कर रहें हैं, जिनमे से ऑन लाइन बुकिंग मात्र 589 लोग ही करवा रहें हैं। रोचक पहलू यह भी है कि 2 लाख 15 हजार 92 यात्री ऑफ लाइन बुकिंग के सहारे चलते हैं। फरवरी 2020 जब लॉक डाउन हुआ तब 3464 बसें सड़को पर सभी राज्यों में चलती थी। प्रतिदिन 9.83 लाख किलोमीटर चलती थी। इन बसों में 8 लाख 45 हजार यात्री सफर करते थे। प्रतिदिन रेवेन्यू लगभग 3 करोड़ के करीब था। अप्रैल में 53 हजार रुपये प्रतिदिन,मई में 5 लाख के करीब प्रति दिन,जून में प्रतिदिन साढे 15 लाख के करीब,जुलाई में लगभग 53 लाख रुपये था।आज हरियाणा की 1757 बसों में से उत्तरप्रदेश 106 बसें,राजस्थान 134 बसें,चंडीगड़ 109 बसें आवागमन कर रही हैं। अवैध ट्रांपोर्टेशन प्रदेश के हर शहर में है।

अंबाला से चंडीगढ़ और पँजाब के लिए जबकि सिरसा से राजस्थान के लिए काफी वाहन अवैध तौर पर सवारियां लेजाते है।जब तक इन वाहनों पर लगाम नही लगेगा।तब तक राज्य परिवहन की बसों को पूरी तरह से नही चलाया जा सकेगा।इसलिए इन वाहनों पर लगाम लगाने के लिए हमने एक कमेटी बनाई है। आरटीई और जीएम रोडवेज का स्टाफ अवैध तौर पर चलने वाले इन वाहनों को नाके लगाकर पकड़कर इन्हें खाली करवाकर इनके चालान करेंगे और इनकी सवारियों को हरियाणा रोडवेज की बसों में बैठाएंगे।यह करवाई एक दिन नही बल्कि रोजाना चलाई जाएगी ।

रात को जो अवैध तौर पर बिना परमिट के बसें प्रदेश में आती है। उनकी चेकिंग की जाएगी ।  इससे पहले हम एक ही चीज ओवर लोडिंग पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे थे, जिसपर काम चल रहा , लेकिन जहां हरियाणा रोडवेज के 18 हजार कर्मचारी है और उत्तर भारत मे हरियाणा रोडवेज की अपनी एक पहचान है। उसमें लोग नही बैठ पा रहे   वहीँ दूसरी तरफ यह अवैध परिवहन प्रदेश के राजस्व को भरी चुना लगा रहा है।  बिना इन्शुरन्स के गाड़िया सड़को पर घूम रही है जिनके साथ कोई हादसा हो तो इन्शुरन्स तक नही मिलेगा। प्राइवेट बसों वाले सरकारी बस के टाइम से महज कुछ मिनट पहले  अपनी बस लगा देते  है।इन सब बातों पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमने परिवहन विभाग की एक बैठक की है जिसमे अवैध वाहनों पर लगाम लगाने के लिए रणनीति तैयार की  गई है। 

मार्च,अप्रैल,मई ,जून और जुलाई और अगस्त माह के दौरान हरियाणा रोडवेज के हालात सबसे बद्तर रहे।जबकि इसके बाद अब राज्य से अंतराज्यीय बस सेवा की भी शुरुआत की गई है।इसमे यूपी, पँजाब,राजस्थान,चंडीगढ़, के लिए शुरुआत हो चुकी है जबकि जल्दी हिमाचल,दिल्ली व अन्य राज्यो के लिए भी बसों की शुरुआत हो जाएगी। लॉक डाउन से पहले हमें रोज 3 करोड़ रुपये की रिसीट होती थी।लॉक-डाउन के दौरान 900 करोड़ के करीब घाटा हुआ है।
मूल चन्द शर्मा,परिवहन मंत्री हरियाणा सरकार

 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static