करनाल में हर साल करीब दो सौ लोग एचआईवी पॉजिटिव(VIDEO)

punjabkesari.in Tuesday, Feb 19, 2019 - 02:39 PM (IST)

करनाल(केसी आर्या): करनाल जिले में हर साल करीब 200 लोग एचआईवी पॉजिटिव मिल रहे हैं। जिनमें से कईयों की हालत गंभीर होने पर इलाज न मिलने से उनकी मौत हो जाती है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 से 2018 के बीच 45 लोगों की जान जा चुकी है। जिले में एचआईवी मरीजों के लिए दवाई की व्यवस्था तो है, लेकिन गंभीर केसों को रोहतक पीजीआई ही रेफर किया जाता है, लेकिन लोग नासमझी के चलते जिंदगी भर नुकसान उठा रहे हैं।

डिप्टी सीएमओ राजेंदर ने जानकारी देते हुए बताया कि आधुनिक लाइफ स्टाइल और मार्डन कल्चरल के चलते लोगों ने अधिकतर नए ट्रेंड को अपना लिया है। इनमें टैटू बनवाना, रोजाना हो रही बीमारियों के चलते एक ही सीरिंज कई मरीजों को लगना, एक से ज्यादा व्यक्तियों के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाना आदि कॉमन हो गया है। लोग इन्हीं नासमझी के चलते जिंदगी भर का नुकसान ले रहे हैं।

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स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में सामने आया है कि जिले में हर साल लोगों की एचआईवी जांच करने पर करीब 200 लोग एचआईवी पॉजिटिव मिलते हैं। जिनमें से गंभीर केसों का इलाज न मिलने पर उनकी मौत हो जाती है। साल 2019 में दो महीनों में ही अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है। जिले में एचआईवी मरीजों के लिए दवाई की व्यवस्था तो है, लेकिन गंभीर केसों को रोहतक पीजीआई ही रेफर किया जाता है।

डिप्टी सीएमओ राजिन्द्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2018  से अब तक 28233 मरीजों का टेस्ट हुआ, जिसमें 21076 जनरल मरीज थे, करीब 7200 गर्भवती महिलायें थी। बीते साल में 243 केस पॉजिटिव मिले हैं। 2016 से अब तक 45 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

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वहीं एचआईवी के बढ़ते हुए आंकड़ों को लेकर स्वास्थ्य विभाग जागरूकता फैला रहा है, इस पर लगातार बैठकों का आयोजन किया जाता है। इस बीमारी की जानकारी ही इलाज है। इनमें टैटू बनवाना, रोजाना हो रही बीमारियों के चलते एक ही सीरिंज कई मरीजों को लगाना, एक से ज्यादा व्यक्तियों के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाना और इन्फेक्टेड खून का आधान प्रदान होना इत्यादि ही इस बीमारी का होना मुख्य कारण है।


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Shivam

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