17 माह बाद हटेगा अशोक तंवर से फ्रीलांस राजनेता का टैग, 25 फरवरी को नए मोर्चे का करेंगे ऐलान!

punjabkesari.in Tuesday, Feb 23, 2021 - 10:43 AM (IST)

चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): पिछले करीब 17 माह से फ्रीलांस राजनीति कर रहे कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर की सियासत से फ्रीलांस का टैग अब हटने जा रहा है। सिरसा से पूर्व सांसद और युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने अब खुद का एक सियासी फ्रंट बनाने का निर्णय ले ही लिया है। सूत्रों के अनुसार 25 फरवरी को वह अपने नए मोर्चे का ऐलान करेंगे और इसको लेकर वे 25 से अधिक शहरों में वैबीनार के माध्यम से अपने समर्थकों के साथ जुड़ेंगे और मोर्चे के नाम की भी घोषणा करेंगे। उल्लेखनीय है कि 20 फरवरी को पंजाब केसरी ने 'नया सियासी मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं अशोक तंवर!Ó शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था और पंजाब केसरी की ओर से की गई यह विश्लेषाणत्म खबर बिल्कुल सही साबित हुई। 25 फरवरी को दिल्ली के कांस्टिच्यूशनल क्लब में इस संबंध में एक मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें स्वयं अशोक तंवर मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश में कार्यक्रम होंगे। दिल्ली में मुख्य कार्यक्रम करने के पीछे उनकी राष्ट्रीय राजनीति में नए मोर्चा की मौजूदगी का अहसास करवाने की सोच है।

राष्ट्रीय राजनीति पर रहेगा मोर्चे का फोकस
गौरतलब है कि डा. अशोक तंवर ने छात्र नेता के रूप में सियासत में दस्तक दी। वे कांग्रेस के विद्यार्थी संगठन एन.एस.यू.आई के सचिव और अध्यक्ष रहे। बाद में वे युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। साल 2009 में उन्होंने सिरसा लोकसभा सीट से इनैलो के डा. सीताराम को करीब 35001 वोटों से हराया। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव वे हार गए। फरवरी 2014 में उन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।  2019 के विधानसभा चुनावों में अशोक तंवर ने उनके समर्थकों को टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर न केवल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया था, बल्कि कांग्रेस को ही अलविदा कर दिया था। अपना फायदा देखने की बजाए समर्थकों के लिए कुर्बानी देने वाले अशोक तंवर ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हराने में अहम रोल अदा किया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अशोक तंवर नई पार्टी का गठन करेंगे। लेकिन अशोक तंवर अभी तक सार्वजनिक मंचों पर अलग पार्टी बनाने की बात से इंकार करते रहे हैं।

अब नया मोर्चा बनाकर वह राष्ट्रीय राजनीति के अनुभव, अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, युवा कांग्रेस व एन.एस.यू.आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते बने अपने संबंधों को नए सिरे से तराशने जा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस के वह 5 साल 8 महीने तक प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। उनका फोकस केवल हरियाणा न होकर राष्ट्रीय राजनीति पर रहेगा। इस मोर्चा के मैदान में उतरने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। विशेष बात ये भी है कि यूं तो इस मोर्चे को सामाजिक मोर्चे का नाम दिया जाएगा मगर बाद में इसे राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा।

समर्थकों से राय के बाद करेंगे ऐलान
सूत्रों के मुताबिक अशोक तंवर द्वारा बनाए जा रहे इस मोर्चे का मकसद राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा है।  इसके साथ ही जनता के लिए जनता के द्वारा बनाया जाने वाला यह मोर्चा होगा। इस मोर्चे में अच्छी छवि के लोगों को जोड़ा जा रहा है। ऐसा पहली बार होगा, जिसमें बड़े घरानों से जुड़े राजनेताओं की बजाए आम जनता के लोग होंगे। 25 फरवरी को मोर्चा की स्थापना कर दी जाएगी। इसके नाम की घोषणा भी 25 फरवरी को ही होगी। तंवर समर्थकों का कहना है कि कोविड-19 को देखते हुए फैसला किया गया है कि ज्यादा भीड़ एक जगह न बुलाई जाए, इसलिए दिल्ली-चंडीगढ़ के साथ साथ हरियाणा के कुछ जिलों व अन्य राज्यों में भी उसी दिन होने वाले कार्यक्रमों से अशोक तंवर लाइव जुड़ेंगे और उनसे मोर्चे की रूपरेखा व नामकरण को लेकर विचार करने के बाद मोर्चे का ऐलान करेंगे।

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Content Writer

Isha

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