पंजाब चुनाव में बुरी हार के बाद कांग्रेसी नेताओं का दर्द लगा झलकने

punjabkesari.in Tuesday, Mar 15, 2022 - 03:54 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): आपसी फूट पर आज तक चुप्पी साधने वाली कांग्रेस का दर्द पंजाब में हुई कांग्रेस की बुरी पराजय के बाद खुलकर सामने आने लगा है। दरअसल पंजाब में कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि वह फिर से वह सत्ता हासिल कर लेंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रचंड बहुमत से बनी सरकार ने कांग्रेस पार्टी में खलबली मचा दी। पड़ोसी राज्य हिमाचल और हरियाणा की राजनीति पर इसका बड़ा असर होना तय माना जा रहा है।

हरियाणा में कई पूर्व मंत्री- पूर्व विधायक एवं  वह आम आदमी जो विधायक- सांसद बनने के स्वप्न लेते हैं, आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाली कतार में खड़े देखने लगे हैं। हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 31 सीटें जीतकर मजबूत विपक्ष के रूप में खड़ी हुई जो कि 2024 में सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है।

लेकिन आम आदमी पार्टी की दस्तक ने पार्टी नेताओं में वाद-विवाद और आरोप-प्रत्यारोप का काम शुरू कर दिया है। इस गंभीर मसले पर असंध से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शमशेर सिंह गोगी ने पंजाब चुनाव में हुई बुरी हार पर गहन चिंतन की जरूरत बताते हुए कहा कि जनता के आदेश को स्वीकार करते हुए स्थितियों को सुधारने के लिए नई योजना बनाई जानी अति आवश्यक हो चुकी है।

पंजाब में जिस तरह से दशकों से चली आ रही पार्टियों को जनता ने दरकिनार किया और एक नया प्रयोग अपनाते हुए आम आदमी पार्टी को चुनाव जितवाया यह विषय गहन चिंतन का है।

पार्टी ने कैप्टन को हटाने में काफी देरी की : गोगी

गोगी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने में काफी देरी की। 2 साल पहले अगर यह फैसला लिया गया होता तो कांग्रेस के हालात आज यह नहीं होते। कैप्टन स्वयं मंत्रियों और विधायकों तक से मिलने से बचते थे तो आम जनता को कैसे अपनाते होंगे। गोगी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र की लीडरशिप से चलने वाली पार्टी है। केंद्र की लीडरशिप को जल्द और मजबूत फैसले लेने की क्षमता रखनी होगी। प्रदेश स्तर किसी नेता द्वारा हाईकमान को ब्लैकमेल करने या पार्टी का अनुशासन भंग करने पर तुरंत प्रभाव से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की ताकत केंद्रीय लीडरशिप को दिखानी होगी। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को संदेश देते हुए कहा पार्टी हमेशा बड़ी होती है। इसलिए स्वयं को पार्टी से बड़ा मत माने। उनकी पहचान पार्टी की वजह से बनी है।

सभी को एकजुट होकर आने वाले समय में ताकत बनना होगा। गोगी ने कहा कई साल से प्रदेश में संगठन ना बन पाना एक नुकसानदायक साबित हो सकता है। क्योंकि प्रदेश के नेता जब आपस में ही लड़ते रहेंगे तो चुनावों में मुकाबला किसके साथ करेंगे। आज के दिन अगर आम आदमी पार्टी प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाती है तो संगठन ना होने के कारण कांग्रेस को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। प्रदेश के नेताओं को पहले सरकार बनाने के लिए 46 विधायक बनाने की योजना पर रणनीति तैयार करनी चाहिए, उसके बाद आपस में लड़ना चाहिए।

बजट पेश करने से डेढ़ माह पहले कमेटियों की बैठकों से होगा अधिक लाभ : गोगी

गोगी ने विधानसभा के रिसेस पीरियड को एक अच्छी शुरुआत और अच्छा एक्सपीरियंस बताते हुए कहा कि वह भी कमेटी नंबर 2 के सदस्य थे और अंबाला विधायक असीम गोयल की अध्यक्षता में कमेटी ने दो- तीन महत्वपूर्ण विभागों पर अच्छी चर्चा की। जिसमें वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा बताई गई बातें एक नया तजुर्बा साबित रही। जिसमें विधायकों को यह जानकारी हासिल करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ कि वित्त विभाग किस प्रकार से - किस सोच से बजट तैयार करता है। उन्होंने कहा कि अगर बजट पेश करने से एक डेढ़ माह पहले इस प्रकार की बैठके और वार्तालाप हो तो बजट को और अधिक हितकर बनाया जा सकता है।

 

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Content Writer

Vivek Rai

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