शाह के दौरे के बाद बिछेगी प्रदेश में असली चुनावी बिसात

punjabkesari.in Wednesday, Jan 31, 2018 - 10:59 AM (IST)

 

अम्बाला(ब्यूरो): राष्ट्रपति के बजट सत्र के अभिभाषण से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के संकेत मिलने के बाद प्रदेश में राजनीति गर्मानी शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के लिए 15 फरवरी को जींद आ रहे हैं। इस रैली को सफल बनाने की जिम्मेदारी सी.एम. मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष के साथ-साथ अन्य पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं की है। 

पार्टी सुप्रीमो के सामने एकजुटता का परिचय देने का प्रयास किया जाएगा। शाह के दौरे के बाद विपक्षी नेता भी अपने हथियारों को धार लगाने का काम शुरू कर देंगे। कर्मचारियों का आंदोलन सरकार के लिए चुनौती साबित हो सकता है। खट्टर सरकार का करीब साढ़े 3 साल का कार्यकाल मिला-जुला रहा है। सरकार कई मामलों में कमजोर भी साबित हुई है, जिससे उसे विपक्ष के आरोपों का सामना करना पड़ा है। जाट आरक्षण आंदोलन से लेकर ‘बाबाओं’ की गिरफ्तारी तक ने सरकार को आलोचना का शिकार बनाया। 

हाल ही में पद्मावत फिल्म रिलीज होने पर फिर से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे लेकिन इस बार स्थिति संभालने में पुलिस प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी दिखाई। अभी तक ऐसी कोई बड़ी उपलब्धि सरकार के खाते में नजर नहीं आ रही, जिसका उसे आने वाले समय में बड़ा फायदा मिल सके।अपने बचे हुए कार्यकाल में खट्टर को अभी कई बड़े निर्णय लेने पड़ेंगे, जिससे वे पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों को अपने पक्ष में कर सकें। किसानों की कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करना, बिजली के बिलों में छूट आदि पर सरकार को महत्वपूर्ण फैसले लेने पड़ेंगे।

कर्ज माफी को लेकर इस समय विपक्षी दल कांग्रेस और इनैलो दोनों ही सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इस समय सरकार को कर्मचारियों के आंदोलनों का सामना भी करना पड़ रहा है। सर्व कर्मचारी संघ से लेकर आशा वर्करों तक ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। कर्मचारियों का आंदोलन अगर और तेज होता है तो संभालना भी सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। प्रदेश भाजपा में भले ही सब कुछ ठीक चलता नजर आ रहा हो, लेकिन वास्तविकता यही है कि पार्टी अंदरखाने गुटबाजी की शिकार है। दक्षिणी हरियाणा भाजपा में राव इंद्रजीत सिंह और राव नरबीर के बीच जमकर रस्साकशी चल रही है। पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता संगठन और सरकार में भागीदारी नहीं मिलने के कारण नाराज नजर आ रहे हैं। 

अमित शाह नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का प्रयास करेंगे। साथ ही वह कार्यकर्ताओं को अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए आवश्यक पाठ पढ़ाएंगे। हालांकि खट्टर विधानसभा चुनाव समय पर ही कराने की बात कह चुके हैं परंतु राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होंगे। यही कारण है कि इन संकेतों के बाद सभी दल अपनी तैयारियों को जोर देना शुरू कर देंगे।


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