केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के उल्लंघन का आरोप, 2001 बैच के IPS अफसरों को डीआइजी रैंक में पदोन्नति देने की मांग

punjabkesari.in Tuesday, May 07, 2024 - 06:43 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा में भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अफसरों की पदोन्नति को लेकर फिर विवाद उठा है। वर्ष 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के आइपीएस अफसरों की पदोन्नति पर सवाल उठाते हुए वर्ष 2001 बैच के आइपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा है। आरोप है कि पदोन्नति में केंद्रीय गृह मंत्रालय के नियमों का उल्लंघन किया गया है।

वाई पूरन कुमार ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने 11 अक्टूबर 2022 को भी तत्कालीन गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद (अब मुख्य सचिव) को प्रतिवेदन दिया था कि 2001 बैच के अफसरों को डीआइजी रैंक में पदोन्नति दी जाए। वेतन दोबारा तय कर एरियर भी दिया जाए। उन्होंने रिमाइंडर भी भेजा गया, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिवेदन पर शायद इसलिए कोई निर्णय नहीं लिया गया क्योंकि वह और उनके बैचमेट अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। इतना ही नहीं, गृह विभाग में वे फाइलें भी एक कानूनी अफसर के पास भेज दी जाती हैं, जिनमें कानूनी राय की आवश्यकता नहीं है।

वाई पूरन कुमार ने आरोप लगाया कि 1997 बैच के आइपीएस अफसरों का एडवांस में पे फिक्स करते हुए वेतन वृद्धि कर दी गई। हालांकि बाद में इन आदेशों को भी होल्ड कर लिया गया, मगर उनकी पदोन्नति देरी से की गई। नियमानुसार किसी भी प्रमोशन के लिए वैकेंसी होना अनिवार्य है, लेकिन इन मानकों की अनदेखी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि एक कानूनी अधिकारी प्रशासनिक मामलों में हर फाइल पर टिप्पणी लिखते हैं और नोटिंग में व्यक्तिगत पूर्वाग्रह रखते हैं। उन्हें तुरंत प्रभाव से बदला जाना चाहिए।


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Content Editor

Nitish Jamwal

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