अंबाला में विज ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, प्रचार से दूर हलका छोड़ दिल्ली दौरे पर निकले
punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2024 - 09:16 PM (IST)
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): एक तरफ से जहां लोकसभा चुनाव का प्रचार तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं भाजपा के लिए अपने ही नेताओं को संभालना मुश्किल हो रहा है। नायब सैनी सरकार में मंत्री बनने से चूके पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने चुनाव प्रचार के लिए खुद को अपने हलके तक सीमित किया हुआ है। वहीं प्रचार के दौरान वह अपने हलके से बाहर पार्टी के उन नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं जो पार्टी में मुख्य धारा की राजनीति से दूर चल रहे हैं।
पार्टी सूत्रों ने रविवार को बताया कि अंबाला लोकसभा हलके से पार्टी प्रत्याशी बंतो कटारिया खेमे की तरफ से विज द्वारा सहयोग नहीं किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत भी की गई है। अनिल विज पीयूसी (पब्लिक अंडर टेकिंग कमेटी) विधानसभा की मीटिंग में भाग लेने दिल्ली गए थे। गुरुग्राम में संघ के एक बड़े नेता से भी लम्बी मीटिंग हुई।
हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के दौरान अनिल विज को वरिष्ठ होने के बावजूद अंतिम समय तक कोई जानकारी नहीं दी गई। नई सरकार के गठन में भी विज को दरकिनार कर दिया गया। इससे नाराज होकर विज ने खुद को अंबाला छावनी तक सीमित कर लिया है। लोकसभा प्रत्याशी बंतो कटारिया जहां एक तरफ अंबाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली करवाने के लिए पार्टी हाईकमान पर दबाव बना रही है। वहीं अनिल विज ने प्रचार के दौरान खुद को हलके तक सीमित कर लिया है। अब पिछले दो दिनों से अनिल विज हलके से बाहर हैं।
विज शनिवार को भाजपा मुख्यालय गए जहां उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ओम पाठक से मुलाकात की। इसके बाद रविवार को अनिल विज की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं भाजपा में हाशिए पर चल रहे रामबिलास शर्मा के साथ मुलाकात हुई। पिछले कई दिनों से रामबिलास शर्मा के वायरल बयान भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इसके बाद अनिल विज भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के आवास पर पहुंचे।
यहां उन्होंने धनखड़ के पिता एवं अन्य परिजनों से मुलाकात की। ओपी धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने के बाद नायब सैनी को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। अचानक हुए फैसले को धनखड़ ने स्वीकार तो कर लिया है लेकिन हरियाणा की राजनीति से दूर होने की टीस उनके मन में है। इस मुलाकात के दौरान पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद सुधा यादव भी मौजूद रही। राव इंद्रजीत के गुरुग्राम में आने के बाद से सुधा यादव भाजपा संगठन की राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर हैं लेकिन सत्ता की राजनीति से लंबे समय से दूर चल रही हैं। अनिल विज की इन नेताओं के साथ हुई बैठकों ने भाजपा में नए समीकरणों के संकेत दे दिए हैं।
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