भिवानी डिपो को नहीं झेलनी होगी बसों की कमी, ​​​​​​​सड़कों पर 1 साल और दौड़ेंगी कंडम बसें

punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2020 - 10:03 AM (IST)

भिवानी (पंकेस) : अगर रोडवेज विभाग की पुरानी नीति लागू रहती तो भिवानी डिपो में इस साल रोडवेज बेड़े में बसों की कमी हो जाती। इसका कारण यह है कि रोडवेज की पुरानी नीति के तहत कोई रोडवेज बस 7 साल या 10 लाख कि.मी. की दूरी तय करने के बाद कंडम मानी जाती हैं। अब विभाग ने इसमें बदलाव करते हुए सभी शर्तों को दरकिनार कर बसों को 8 साल तक सड़कों पर दौड़ाने का फैसला लिया है।

इसके चलते भिवानी डिपो की इसी महीने कंडम होने वाली 28 बसों को 1 साल और चलाया जाएगा। बता दें कि भिवानी डिपो में इस समय 119 और तोशाम सब-डिपो में 46 बसें हैं। हाल ही में सरकार ने 2 निजी बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत चलाया है। इस प्रकार अगर रोडवेज की बसों का जिक्र किया जाए तो भिवानी डिपो में इस समय 165 बसें ही हैं, जबकि यहां डिमांड कम से कम से 225 बसों की है मगर सरकार द्वारा बसों की खरीद न किए जाने से यात्रियों को परेशानी होने के चलते यहां के खासकर लोकल रूट भी प्रभावित हो रहे हैं।

फिलहाल चलने लायक हैं बसें
हालांकि ये बसें अभी सड़कों पर चलने लायक हैं और इनका अगर सही रखरखाव किया जाए तो ये आराम से 1 से डेढ़ साल तक और सड़कों पर दौड़ सकती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विभागीय अधिकारियों ने फैसला लिया है कि इन बसों की लाइफ 1 साल और बढ़ाकर इन्हें रूटों पर चलाया जाए। इससे जहां डिपो में बसों की और ज्यादा कमी नहीं होगी तो यहां के रूट भी प्रभावित नहीं होंगे।

28 बसें चली जाती तो हो जाता बुरा हाल
देखा जाए तो 1 बस रोजाना 400 कि.मी. की दूरी तय करती है। इस लिहाज से वह लगभग 7 साल में 10 लाख कि.मी. की दूरी तय कर ही लेती हैं। इसके चलते भिवानी डिपो में इस समय ऐसी 28 बसें हैं जो इसी महीने अपना 7 साल या 10 लाख कि.मी. का सफर पूरा कर चुकी हैं। इस लिहाज से इन बसों को कंडम मानकर उन्हें नीलाम करने की प्रक्रिया अपनाई जाती। अगर ऐसा हो जाता तो इस डिपो में बसों की और ज्यादा कमी हो जाएगी।

 


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Isha

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