भाजपा-जजपा गठजोड़ लगभग तय, विरोध के बावजूद पार्टी हाईकमान गठबंधन को तैयार

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 04:20 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी)- दिल्ली चुनाव-2020 में भाजपा और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनत पार्टी के बीच गठबंधन लगभग तय है। बताया जाता है कि हरियाणा और दिल्ली के कुछ भाजपा नेताओं के विरोध के बावजूद पार्टी हाईकमान दिल्ली में जजपा के साथ गठबंधन को तैयार हो गई है। हरियाणा के डिप्टी सीएम एवं जजपा संयोजक दुष्यंत चौटाला ने भाजपा के समक्ष करीब 12 विधानसभा सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है। माना जा रहा है कि कम से कम छह सीटों पर भाजपा व जजपा के बीच सहमति बन सकती है। जजपा संयोजक दुष्यंत चौटाला की भाजपा के कार्यकारी प्रधान जेपी नड्डा से एक मुलाकात हो चुकी है। दूसरी मुलाकात बृहस्पतिवार को संभव है।

इस मुलाकात में गठबंधन के प्रारूप और विधानसभा सीटों पर फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी दिल्ली में भाजपा व जजपा के बीच राजनीतिक गठजोड़ के हक में हैैं,लेकिन दिल्ली व हरियाणा भाजपा के कुछ नेता चाहते हैैं कि दुष्यंत को ज्यादा भाव न दिया जाए। भाजपा हाईकमान अपनी पार्टी के इन नेताओं के विरोध से सहमत नहीं है। राजनीतिक सर्वे में जिस तरह से दिल्ली में भाजपा की कम सीटें दिखाई जा रही हैैं,उसके मद्देनजर हाईकमान किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है और जजपा को उसकी पसंद की कई सीटें देने को तैयार दिखाई पड़ रहा है। इसकी एक वजह यह भी है कि जजपा के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है,जबकि भाजपा यदि कोई रिस्क लेती है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पिछले सवा साल के अंतराल में दुष्यंत चौटाला का यह चौथा चुनाव होगा। इनेलो से अलग होने के बाद दुष्यंत चौटाला की पार्टी ने सबसे पहला जींद उपचुनाव लड़ा। उसके बाद लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उम्मीद से कहीं अधिक अच्छा प्रदर्शन किया। अब दिल्ली चुनाव में जजपा हर हाल में उतरने को तैयार है। यदि भाजपा के साथ जजपा का गठबंधन नहीं होता है तो उस स्थिति में भी दुष्यंत करीब एक दर्जन विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे को तैयार हैैं।

दुष्यंत चौटाला ने बृहस्पतिवार को फिर बुलाई बैठक
जजपा के दिल्ली प्रभारी के नाते दुष्यंत चौटाला ने बृहस्पतिवार को फिर पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है। चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए दुष्यंत ने अपनी पार्टी के पांच प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी सौंप रखी है। हर्ष कुमार के पास दिल्ली की संगम विहार,देवली और बदरपुर विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी है। दिग्विजय सिंह चौटाला नजफगढ़,पालमपुर,मटियाला और द्वारका विधानसभा सीटों पर काम संभाले हुए हैैं,जबकि डा. केसी बांगड़ के पास नरेला विधानसभा सीट है।

राजेंद्र लितानी को मुंडका व नांगलोर तथा अनंत राम तंवर को बिजवासन, महरौली और छतरपुर विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है। यह 13 विधानसभा सीटें वे हैैं,जिन पर जजपा हर सूरत में चुनाव लडऩे का मन बना चुकी है। दिल्ली की उत्तर प्रदेश के जिलों से सटी विधानसभा सीटों पर भी दुष्यंत चौटाला की निगाह है। गाजियाबाद और नोएडा के साथ लगती करीब आधा दर्जन विधानसभा सीटों पर जजपा कार्यकर्ताओं ने दुष्यंत चौटाला से टिकट मांगे हैैं। हालांकि दुष्यंत इन सीटों पर खास गंभीर नहीं है,लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन के बाद एक या दो सीटों पर ताल ठोंकी जा सकती है।

1998 में हुआ था भाजपा व इनेलो का गठबंधन
1998 में भाजपा व इनेलो के बीच दिल्ली में गठबंधन हो चुका है। तब भाजपा ने इनेलो को नजफगढ़,महीपालपुर और बवाना विधानसभा सीटें दी थी। 2008 के चुनाव में इनेलो के टिकट पर नजफगढ़ से भरत सिंह चुनाव भी जीत चुके हैैं। 2015 के चुनाव में नजफगढ़ से ही भरत सिंह मात्र 1400 मतों के अंतर से चुनाव हारे थे। भरत सिंह की पिछले दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब इनेलो दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ रही,लेकिन उसकी जगह दुष्यंत चौटाला की जजपा ने ले ली है।

अब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को घेरेगी जजपा
हरियाणा में दस सीटें जीतने के बाद जननायक जनता पार्टी और दुष्यंत चौटाली की तैयारी अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरने की है। भाजपा आलाकमान भी यह चाह रहा है कि दुष्यंत के माध्यम से दिल्ली में केजरीवाल के गढ़ को ढहाया जाए। फिलहाल इस मामले में परसो दुष्यंत चौटाला की पार्टी के नेताओं और भाजपा नेताओं के साथ बैठक है। जिसके बाद यह फैसला होगा कि जजपा भाजपा दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ेंगी या फिर अपने अपने टिकट पर दोनों दल प्रत्याशी उतारेंगे। यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा में भी यह कहा जाता था कि जजपा के पास 90 विधानसभा में उतारने के लिए प्रत्याशी नहीं है,लेकिन हमने सभी विधानसभाओं में चुनाव लड़ा।

अब दिल्ली में भी यही बात है, लेकिन ऐसा नहीं है। पार्टी चाहेगी तो सभी सीटों पर प्रत्याशी उतार देगी। यहां तक कि दिल्ली के साथ लगते उत्तर प्रदेश में भी 11 सीटें ऐसी हैं। जहां पर जजपा का जनाधार है और वहां जजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले तैयार खड़े हैं। मालूम हो कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले दुष्यंत ने इनेलो से अलग होकर अपना राजनैतिक दल खड़ा किया। एक साल पुरानी पार्टी को दस सीटें मिलने में कामयाबी हासिल हुई और दुष्यंत उप मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। दुष्यंत की बाचतीच से यह जाहिर हुआ कि वे पार्टी के विस्तार में लगे हैं।भविष्य में सब कुछ ठीक रहा तो उत्तर प्रदेश में भी पार्टी की हैसियत बढ़ाने की उनकी मंशा है।


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Isha

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