वेंटिलेटर पर भाजपा-जजपा गठबंधन...निर्दलीयों को साथ लेकर पहले दिन से चलना क्या भाजपा की कूटनीति का हिस्सा ?

punjabkesari.in Saturday, Jun 10, 2023 - 10:21 AM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  वेंटिलेटर पर लेटे भाजपा-जजपा गठबंधन को यह दोनों दल कितने दिन तक आखिर और खींच पाएंगे, यह आज मुख्य चर्चा का विषय प्रदेश में बना हुआ है। क्योंकि लगातार भाजपा - जजपा नेताओं में एक दूसरे के खिलाफ जो तलवारे निकली हुई है, इससे यह तो लगभग दिखने लगा है कि गठबंधन पूरे 5 साल नहीं चल पाएगा। कुछ दिन पहले बेहद सुलझे हुए, बेहद परिपक्व और कूटनीति के माहिर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जो बयान दिए गए और उस पर जजपा के प्रदेशाध्यक्ष की प्रतिक्रिया आई, उसी समय से यह दरार साफ दिखने लगी थी।

मामला कुछ शांत हुआ था कि हाल ही में भाजपा प्रदेश प्रभारी विप्लव देव के उचाना विधानसभा सीट को लेकर दिए गए बयान फिर से ठंडी हुई दबी आग में तेल का काम कर गए। उस पर ना केवल जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दे डाली बल्कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी इस पर चुप नहीं रह सके। भाजपा प्रदेश प्रभारी बिपलब देव द्वारा दिए बयानों के बाद भाजपा और जजपा नेताओं की बयानबाजियाँ लगातार आमने सामने खुलकर आने लगी है। एक तरफ जहां प्रभारी के बयानों की काट अन्य मंत्री नहीं कर सकते और बयान का समर्थन सभी की मजबूरी मानी जा सकती है। वहीं जजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों के पक्ष में उनके नेताओं का भी खड़ा होना उनकी मजबूरी है। अब इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह गठबंधन पूरे 5 साल तक टिक पाएगा। 

जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौधरी दुष्यंत चौटाला भले ही कुछ समय पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर आए, लेकिन उन्हें वहां से भी ऑक्सीजन मिलती हुई नजर नहीं आ रही है। उसके बावजूद लगातार एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजियाँ इसका प्रमाण है। भाजपा हरियाणा प्रभारी विप्लव देव के यह बयान कि हरियाणा के सभी निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं, एक बड़ा प्रश्न खड़ा करते हैं। गौरतलब है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने बेशक मौके हालातों को देखते हुए जननायक जनता पार्टी से गठबंधन किया हो और आज तक अच्छे से गठबंधन धर्म निभाया भी जाता रहा हो, लेकिन निर्दलीयों से भी भाजपा का विचार- व्यवहार काफी स्नेहपूर्वक चलता रहा है। इस बात पर मोहर खुले मन से स्वयं निर्दलीय विधायक भी तमाम मंचों तथा मीडिया के माध्यम से लगाते रहे हैं। पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलन द्वारा हमेशा इस बात को स्वीकार किया जाता रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकार बनाते वक्त जो भी उनसे वायदे किए उन्हें पूरा किया गया है।

इसी प्रकार की आवाज निर्दलीय विधायक नैनपाल रावत की भी समय-समय पर सुनाई देती रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खुले समर्थक हमेशा नयन पाल रावत देखे जाते रहे हैं। इसी प्रकार निर्दलीय विधायक चौ0 रंजीत सिंह चौटाला हरियाणा के बिजली एवं जेल मंत्री हैं, यानि यह तो साफ है कि केवल जेजेपी को साथ लेकर भी सरकार सुरक्षित थी, बावजूद इसके बेहद सधी हुई परिपक्व व स्टीक कूटनीति के नजरिए से भाजपा निर्दलीयों के मान सम्मान को ध्यान में रखते रही है। इसी कारण से आज सभी निर्दलीय विधायक भाजपा के पूर्णत: साथ में है। इसी दम पर हरियाणा भाजपा के प्रभारी विप्लव देव के यह बयान बेहद अहमियत रखते हैं कि सभी निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं यानि उनका साफ तौर पर यह भी इशारा था कि बिना जजपा के भी उनकी सरकार सुरक्षित रहेगी। 


क्या दुष्यंत भी 5 साल कार्यकाल पूरा ना कर पाने वाले उपमख्यमंत्री साबित होंगे ?

लगातार एक दूसरे के खिलाफ दिए जा रहे बयान यह तो साफ संदेश दे रहे हैं कि गठबंधन 5 साल पूरा नहीं चलेगा। अगर ऐसा हुआ तो दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री भी नहीं रहेंगे। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के पास आज कई महत्वपूर्ण विभाग मौजूद है और इन विभागों को लेकर उनके चाचा अभय सिंह चौटाला समेत कांग्रेस पार्टी भी समय-समय पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते रहे है, अगर गठबंधन टूटा तो निर्दलीयों का समर्थन प्राप्त भाजपा पर तो शायद विपत्ति ना आए, लेकिन जजपा सरकार में नहीं रहेगी तो ऐसे में उपमुखमंत्री की कुर्सी भी पार्टी को गवानी होगी। इतिहास गवाह है कि हरियाणा में अब तक कोई भी उपमख्यमंत्री 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। गठबंधन के पहले दिन से दोनों दल 5 साल तक गठबंधन धर्म निभाने के बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं, लेकिन वार पलटवार के सिलसिले में ऐसे लगने लगा है कि गठबंधन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। हाल ही में विप्लव देव ने उपमुख्यमंत्री के बयान के जवाब में कहा है कि ना तो मेरे पेट में दर्द है और ना ही मैं डॉक्टर हूं, संगठन को मजबूत करने का मेरा काम मैं कर रहा हूं। इससे सियासी पारा ओर हाई हो चुका है। गठबंधन में अगर कहे कि सब कुछ ठीक नहीं है तो गलत नहीं होगा। निशांत सिंह ने विप्लव देव को अपरिपक्व नेता बताते हुए कहा है कि अच्छे से चल रहे गठबंधन पर इस तरीके का बयान उनकी परिपक्वता का उदाहरण है। इससे ना तो वह संगठन को मजबूत कर रहे हैं और ना ही गठबंधन को। 

 

सबसे लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त है चंद्रमोहन को

हरियाणा गठन 1966 के बाद से अब तक उपमुख्यमंत्री के पद पर 6 शख्सियतें आसीन रही। जिसमें झज्जर से चांदराम जो राव वीरेंद्र सिंह की सरकार में 24 मार्च 1964 से 2 नवंबर 1964 तक उप मुख्यमंत्री रहे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से वह प्रदेश के इस बेहद प्रमुख पद पर 223 दिन तक विराजमान रहे। इनके बाद दूसरे उपमख्यमंत्री के रूप में जनता पार्टी के मंगलसेन देवीलाल सरकार में 2 साल 7 दिन तक उप मुख्यमंत्री रहे। उनका यह कार्यकाल 21 जून 1977 से 28 जून 1979 तक रहा। रोहतक से विधायक बने मंगलसेन देवीलाल के बेहद नजदीक थे। उनके बाद चौ0 देवीलाल की ही सरकार में भिवानी से बनारसी दास गुप्ता जो जनता दल से विधायक थे, उन्होंने प्रदेश के तीसरे उपमुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया।

28 जून 1987 से 2 दिसंबर 1989 तक वह 2 साल 165 दिन तक प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रहे। प्रदेश के चौथे उपमुख्यमंत्री दादरी से विधायक रहे हुकम सिंह बने। जिन्हें ओम प्रकाश चौटाला की सरकार में इस पद पर रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इनके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र चंद्रमोहन कालका से विधायक बने और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में वह 15 मार्च 2005 से 7 दिसंबर 2008 तक उप मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहे। 3 साल 267 दिन तक उन्होंने प्रदेश के इस महत्वपूर्ण पद को गौरवान्वित किया। अब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौ0 दुष्यंत चौटाला है, वह उचाना से विधायक बनकर आज मनोहर की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री हैं। 23 अक्टूबर 2019 को उन्हें इस पद पर सुशोभित किया गया था।

 


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Content Writer

Isha

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