आंदोलन समाप्ति के लिए प्रधानमंत्री और किसान दोनों बधाई के पात्र : रणजीत चौटाला

punjabkesari.in Friday, Dec 10, 2021 - 08:30 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : एक साल से लगातार सरकार के गले की फांस बने किसान आंदोलन के निपटारे से भारतीय जनता पार्टी के नेतागण बेहद खुश नजर आ रहे हैं। खास तौर पर ग्रामीण आंचल से जीतने वाले विधायक-मंत्री भविष्य की राजनीति को देखते हुए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते नजर आ रहे हैं। जन नायक चौधरी देवी लाल एक बड़े किसान नेता रहे और किसानों ने भी उन्हें किसान नेता के रूप में बड़ा सम्मान बख्शा। अब किसानों के नाम की राजनीति स्वर्गीय चौधरी देवी लाल के वंशज भी करते आ रहे हैं।

इसी फेहरिस्त में वरिष्ठ नेता एवं चौधरी देवी लाल के सुपुत्र बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने किसान आंदोलन वापसी को लेकर देश के प्रधानमंत्री और किसानों को बधाई दी है। चौटाला ने कहा है कि लंबे समय से उलझे इस मुद्दे के समाधान का श्रेय प्रधानमंत्री और किसानों दोनों को जाता है। प्रधानमंत्री द्वारा किसानों को खुले दिल से अपनाने तथा किसानों द्वारा 1 साल तक अहिंसा के मार्ग पर चल आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के सुखद परिणाम सामने आए हैं।इसलिए दोनों ही बधाई के पात्र हैं। लंबे समय तक आंदोलन चलने के बावजूद किसानों द्वारा शांति का मार्ग अपनाया गया, जिससे किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत नहीं आई। महात्मा गांधी के वक्त भी इसी प्रकार के शांति पूर्वक आंदोलन हुआ करते थे और किसानों ने जिस प्रकार से दो ही बैठकों में मामले का समाधान किया, इसके लिए किसानों को मैं बधाई देता हूं।

रंजीत चौटाला ने कहा कि किसान हमेशा से ही आंदोलन करते रहे हैं। चौधरी देवीलाल, चौधरी चरण सिंह और प्रकाश सिंह बादल के वक्त भी एक बड़ा आंदोलन हुआ था। एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया था। पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा समय-समय पर किसानों की मांगों को लेकर आंदोलन किए। महेंद्र सिंह टिकैत ने भी वोट क्लब में एक बड़ा आंदोलन किया। महात्मा गांधी के वक्त भी चंपारण में आंदोलन हुआ। आंदोलन समय की मांग है। क्योंकि हमारे देश की स्थिति दूसरे देशों से इस मामले में बिल्कुल अलग है।

जापान से लेकर अमेरिका तक केवल 2 से 7 फ़ीसदी ही लोग खेती करते हैं। लेकिन हिंदुस्तान में 65 से 70 फ़ीसदी लोग खेती पर पूरी तरह से निर्भर है। खेती व्यवसाय लाभप्रद नहीं हो सकता। हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों ही देशों में खेती आधारित लोग बड़े कठिनाई से जीवन यापन करते हैं। 1947 से पहले देश की जीडीपी में किसान 40 फ़ीसदी अपना योगदान देते थे, जो कि आज 7 फ़ीसदी पर आ गया। आधुनिक युग में नई नई टेक्नोलॉजी के बावजूद किसानों की आर्थिक स्थिति नहीं सुधर पाई है। इसके पीछे कहीं ना कहीं सत्ताधारी दल जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं।

रणजीत चौटाला ने कांग्रेस पार्टी के बारे में भी टिप्पणी करते हुए कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बहुत समझदारी का बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि 10 साल तक मुख्यमंत्री रहा हूं और इसके बाद अगर मैं जाकर किसी बिल्डिंग का घेराव करूं, प्रदर्शन करूं तो यह इस पद की गरिमा के हक में नहीं होगी। साथ ही एचपीएससी के मामले में जब सरकार द्वारा तुरंत कार्रवाई हो चुकी है। गिरफ्तारी हो चुकी है। अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है तो फिर आंदोलन करने लायक कुछ बचता नहीं है। शैलजा की मजबूरी दिल्ली में अपनी हाजिरी दर्ज करवाना है। भले ही प्रदर्शन में उनके साथ कोई भीड़ नहीं थी। चौटाला ने कहा है कि आज कांग्रेसी विधायक आगामी शासन के दौरान सरकार को घेरने की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। क्योंकि वह विपक्ष में है और उन्हें विपक्ष का रोल निभाना है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हमारी कैबिनेट के सभी मंत्री पूरी तरह से तैयार हैं। वह कोई भी सवाल लाएं, कोई भी मोशन लाए, हम उसका जवाब देंगे। लोगों ने हमें चुना है और हम चुनी हुई सरकार हैं। हम हर बात के लिए पूरी तरह से तैयारी में हैं।

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Content Writer

Manisha rana

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