नशा की जड़ उखाड़ने के लिए चलेगा महाअभियान, स्पीकर ने पंचकूला के आला पुलिस अधिकारियों के साथ की बैठक
punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 06:25 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने पंचकूला जिले से नशाखोरी की जड़ें उखाड़ने के लिए कमर कस ली है। इस सिलसिले में उन्होंने मंगलवार को विधान सभा सचिवालय में जिला के आला पुलिस अधिकारियों और नशा उन्मूलन कमेटी के साथ बैठक की। बैठक में पंचकूला से नशे के खात्मे के लिए व्यापक जन-जागरण अभियान चलाने की योजना बनी है। इसके साथ ही नशा करने वालों तथा इसके कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी पुलिस कार्रवाई पर भी रणनीति तैयार कर ली गई है। विस अध्यक्ष ने बैठक में मौजूद डीसीपी मोहित हांडा से जिले में नशाखोरी से संबंधित केसों का ब्योरा भी तलब किया।
अभियान को प्रभावी बनाने के लिए नशा उन्मूलन समिति गठित कर दी गई है। इस समिति में सेवानिवृत आईपीएस अधिकार वीके कपूर, पूर्व जिलाधीश विवेक अत्रे, डॉ. प्रदीप अग्रवाल, डीपी सोनी और डीपी सिंहल शामिल हैं। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि नशा न केवल समाज को खोखला करता है, बल्कि यह युवाओं के भविष्य को भी अंधकारमय कर देता है। उन्होंने कहा कि हम युवाओं को किसी भी कीमत पर नशे की दलदल में फंसने नहीं दे सकते हैं। इसके लिए पंचकूला जिले में युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत दो मोर्चों पर काम करना होगा। पहला जन-जागरण और दूसरा कड़ी पुलिस कार्रवाई।
बैठक के दौरान सुझाव आया कि जनजागरण अभियान में समाज सेवी संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों को सम्मिलित किया जाना चाहिए। इसके तहत रंगोली, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग इत्यादि प्रतियोगिता करवाई जाएगी। इसी प्रकार अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नाट्य मंच के कलाकारों की मदद ली जाएगी। नगर निगम की ओर से शहर में स्थापित किए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन बोर्डों पर भी नशों से दूर रहने के संदेश प्रसारित होंगे।
विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने जड़ी-बूटी बेचने की आड़ में नशे का कारोबार करने वाले देसी दवाखानों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बैठक में मौजूद सेवानिवृत आईपीएस अधिकार वीके कपूर ने कहा कि इस दिशा में इंटेलिजेंस विंग की सेवाएं लेनी चाहिए। डीसीपी मोहित हांड ने बताया कि नशाखोरी से संबंधित जिले में वर्ष 2020 में 57 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में इस प्रकार के केसों की संख्या 85 रही।
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