चौटाला की चुनौती स्वीकार, जहां से कहेंगे वहीं से चुनाव लडऩे को तैयार: सुर्जेवाला

punjabkesari.in Monday, Mar 05, 2018 - 10:57 AM (IST)

हिसार(ब्यूरो): अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने कहा कि समय आ गया है कि बांगर की हुंकार से केंद्र सरकार हिल जाए और अधिकारों की हुंकार से हरियाणा की मनोहर लाल की सरकार उखड़ जाए।

सुर्जेवाला उचाना के गांव छातर में बांगर अधिकार रैली को सम्बोधित कर रहे थे। पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला की चुनावी चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि बुजुर्ग होने के नाते सम्मान करता हूं लेकिन जहां से कहेंगे वहां से चुनाव लडऩे को तैयार हूं। परन्तु चुनाव में उन्हें खुद उतरना पड़ेगा। बालकों को ना भेजें। उन्होंने कहा कि सच यह है कि जेल के बाद 10 साल तक चौटाला चुनाव नहीं लड़ सकते, इसलिए जनता को बरगलाने की कोशिश करना छोड़ दें। 

उन्होंने कहा कि इनैलो भाजपा की बी टीम है और दोनों मिलकर राजनीति कर रहे हैं। दिन में विरोध और रात में दोस्ती नहीं चलेगी। जनता सब जानती है। दोनों ही पार्टियों से बचकर रहना है,क्योंकि यह केवल प्रलोभन व सत्ता सुख की सरकारें हैं। कंडेला कांड का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इनैलो सरकार में ही यहां सड़कों पर खून बिखरा था व 10 युवाओं की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार कोरी झूठ तथा नीरी लूट की सरकार है। 

साथ ही कहा कि कई बार अधिकार छीनने पड़ते हैं। अब अधिकारों को छीनना है और देश-प्रदेश से भाजपा को चलता करना है। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा प्रांत और देश में पीठ और पेट एक करके मिट्टी से सोना पैदा करने वाला किसान व साथ काम करने वाला मजदूर पीड़ित,व्यथित और आंदोलित है। 

उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में भाजपा की सरकार नहीं थी तो नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र में जनसभा दौरान किसानों से वायदा किया था कि भाजपा सरकार आने पर फसली लागत का 50 फीसदी मुनाफा दिया जाएगा। सरकार बनी तो मोदी और मनोहर सरकार ने वायदे को भूल किसानों की पीठ में खंजर घोपने का काम किया। यही नहीं केंद्र सरकार ने 22 फरवरी, 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि किसानों को 50 फीसदी मुनाफा नहीं दे सकते। इससे बाजार भाव बिगड़ जाएगा। 

सुर्जेवाला ने कहा कि वह सरकार से पूछते हैं कि देश के 12 उद्योगपतियों का 1 लाख 86 हजार करोड़ का कर्जा माफ कर दिया तो बाजार भाव क्यों नहीं बिगड़े। छोटा मोदी नीरव देश का 6 हजार करोड़ और बैंक आफ बड़ौदा के 6400 करोड़ लेकर लोग भाग गए, तब देश का बाजार भाव क्यों नहीं बिगड़ा लेकिन किसान को फसल लागत का मुनाफा देने की बात आती है तो ही बाजार भाव कैसे बिगड़ता है।
 


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