भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर संशय के बादल!

punjabkesari.in Thursday, Oct 31, 2019 - 11:12 AM (IST)

डेस्कः जब से हरियाणा में भाजपा-जजपा का गठबभा हुआ है तभी से ये राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि दुष्यंत चौटाला नीत जननायक जनता पार्टी (जजपा) चुनावों में जारी किए अपने घोषणा पत्र के वायदों को पूरा कैसे करे। जजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों एवं छोटे दुकानदारों के लिए कर्ज माफी की बात की थी और बेरोजगार युवाओं को 11,000 रुपए का मासिक भत्ता देने का वायदा किया था। अब जबकि दुष्यंत प्रदेश के डिप्टी सी.एम. के पद पर बैठ गए हैं और यह पद उनको भाजपा के सहयोगी बन कर मिला है तो वायदा पूरा होने पर संशय होना स्वाभाविक है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चुनावी प्रचार के दौरान विपक्षियों पर बड़ा आक्रामक रुख रखा हुआ था और कहा था कि प्रदेश की जनता विपक्ष को धूल चटा देगी। मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने चुनावी भाषण में परोक्ष रूप से यह कहा था कि विपक्षी पाॢटयों ने लोगों से जो ये मन-लुभावने वायदे किए हैं इसके लिए पैसा कहां से आएगा। क्या इतना राजस्व प्राप्त करने के लिए हर गांव में शराब का ठेका खोलेंगे या प्रदेश में पैट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा कर इन वायदों को पूरा करेंगे। दोनों ही बातें आमजन को पसंद नहीं आएंगी। अब इन बातों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भाजपा के लिए भी दोनों पाॢटयों को साथ लेकर चलना कितना मुश्किल हो सकता है। 

कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में ऐसे ही वायदे लोगों से किए थे जबकि जजपा और भाजपा दोनों के घोषणा पत्र में बहुत अंतर है। जजपा के वायदे उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनावों एवं 2019 के लोकसभा चुनावों में गिनाए गए वायदों से मिलते हैं जिनमें किसानों का कर्ज माफी मुद्दा अहम है।  हालांकि दावा किया जा रहा है कि भाजपा-जजपा दोनों पाॢटयां एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का गठन कर दोनों पाॢटयों के प्रतिनिधियों को शामिल कर घोषणा पत्र के वायदों को अमलीजामा पहनाने के लिए विचार-विमर्श करेंगी। उसमें जो भी निर्णय लिया जाएगा वह वायदा निभाया जा सकता है। डिप्टी सी.एम. दुष्यंत ने हाल ही में सिरसा में एक बयान दिया है कि जजपा अपने मुद्दों को प्राथमिकता देगी और दोनों पाॢटयों की संयुक्त कमेटी की सहमति से इनको अमलीजामा पहनाया जाएगा। 

याद रहे कि जजपा की प्राथमिकता में हरियाणा में सभी प्रकार की नौकरियों के लिए स्थानीय निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण की बात अहम है। बुढ़ापा पैंशन को भी 5100 किए जाना प्रस्तावित है। भाजपा ने भी अपने घोषणा पत्र में बुढ़ापा पैंशन 3000 रुपए करने की बात की थी। इन बातों पर दोनों नए भागीदारों में ठन भी सकती है और बन भी सकती है। अभी खट्टर सरकार के दूसरे कार्यकाल के मंत्रिमंडल का गठन होना है। पहला पेंच तो कैबिनेट मंत्री बनाने में ही फंसेगा। सूत्रों के अनुसार जजपा अपनी पार्टी के 4 विधायकों के लिए मंत्री पद मांग रही है जिसमें से 2 विधायक राजकुमार गौतम एवं दविंद्र कुमार बबली हैं जिन्होंने खट्टर सरकार के 2 कद्दावर नेताओं को बड़ी बढ़त से इन चुनावों में हराया है। बाकी अभी सभी राजनीतिक हलकों में इस गठबंधन को लेकर बहुत शंकाएं हैं। कांग्रेसी नेताओं ने तो इस गठबंधन को मौकापरस्ती का नाम दिया है और जनता से खिलवाड़ बताया है।


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Isha

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