ग्रामीण आंचल में पंचायती जमीन में पूरी सुविधाओं से लैस बनेंगी कॉलोनियां: पीके दास

punjabkesari.in Sunday, Jan 23, 2022 - 04:20 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : लगातार परिवारों के सदस्यों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ग्रामीण आंचल के लिए एक काफी सुख मय योजना की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना की जानकारी बारे राजस्व एवं आपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने जानकारी देते हुए बताया कि आमतौर पर गांव में देखा जाता है कि जब किसी परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़ती है, जब पूरे परिवार को एक पुश्तैनी मकान में रहना मुश्किल हो जाता है तो वह गांव के आसपास मौजूद अपनी जमीनों में मकान बनाते हैं। जिसके चलते वह बिजली, पानी और पानी निकासी जैसी सुविधाओं की मांग करते हैं और कुछ जगह उन्हें यह सुविधाएं देना संभव नहीं होता।

इन दिक्कतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत काम करते हुए लाल डोरा का कुल क्षेत्रफल निकाला। क्योंकि अब लाल डोरा के अंदर हर संपत्ति को पीपीपी परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जा रहा है, जिससे यह स्थिति साफ हो रही है कि परिवार में सदस्यों की संख्या कितनी है। क्योंकि गांव में लोग घरों में रहने के साथ-साथ अपने पशुओं को भी रखते हैं। कृषि उपकरणों और अपनी फसलों को रखने के लिए भी उन्हें उपयुक्त स्थान चाहिए होता है। उनकी समस्या को देखते हुए लगातार यह जान रहे हैं कि किस गांव में कितनी आबादी है और लाल डोरे का क्षेत्रफल कितना है, जिन गांव की हम अधिक जनसंख्या पा रहे हैं, उनके आसपास साथ लगती पंचायती जमीन में सारी सुविधाओं से लैस एक कॉलोनी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं ताकि गांव में जो अधिक जनसंख्या के कारण भीड़ भाड़ का माहौल बन रहा है उनमें से कुछ लोगों को यह कॉलोनी में रहने के लिए दिए जाए।

रिवेन्यू विभाग इस प्रकार के गांव का रिकॉर्ड निकालकर पंचायत एवं डेवलपमेंट विभाग को सुपुर्द करेगा और एच आर डी ए की तरफ से इसे अमल में लाए जाने की योजना है। प्रदेश के लगभग 50 फ़ीसदी गांवों में स्वामित्व का काम पूरा किया जा चुका है। हम उनमें से 50 गांव का नाम अभी पंचायत एवं डेवलपमेंट विभाग को देने जा रहे हैं। क्योंकि लाल डोरे के बाहर मकान बनाना कानूनन सही नहीं है और भीड़-भाड़ की समस्या के कारण बहुत सी जगहों पर दूरदराज के क्षेत्रों में लोग ढाणियों में भी बसने को मजबूर हैं। इस कारण से यह योजना चलाई जा रही है। ताकि अकेले में रहने की दिक्कत भी दूर हो और लाल डोरे के विस्तार के साथ-साथ जनता को सहूलियत भी मिले।

दास ने बताया कि भू स्वामित्व योजना का काम संबंधित विभाग कई चरणों में कर रहा है। पहले मैपिंग के द्वारा संपत्ति को चिन्हित करके संबंधित संपत्ति का मालिक कौन है, वह अपना क्लेम देगा, गांव की तरफ से अगर इसमें कोई ऑब्जेक्शन आएगा तो उसे सुनेंगे और उसके बाद तय होगा कि संपत्ति का असली मालिक यह है या नहीं। उसके बाद संपत्ति मालिक को मालिकाना हक का सर्टिफिकेट देकर संपत्ति की रजिस्ट्री भी करवाएंगे। कई गांवों में केवल रजिस्ट्री ही करवाना बाकी रह गया है। करीब 200 गांवों में लाल डोरे की डीमार्केशन न होने के कारण मैप तैयार नहीं हुआ, कहीं मैप तैयार हो गया है दूसरा मैप बनना बाकी है, कहीं दूसरा मैप बनने के बाद सर्टिफिकेट बनना बाकी है, हम 31 मार्च तक इस योजना को पूरा कर लेंगे और स्वामित्व योजना के पहले चरण में हम लाल डोरे के अंदर स्वामित्व को देख रहे थे, अब लाल डोरे के बाहर की जमीन का मैप ट्रेडिशनल की बजाए डिजिटल बनाने जा रहे हैं।

दास ने बताया कि ग्रामीण अंचल में शत-प्रतिशत परिवार पहचान पत्र बन चुके हैं। जमाबंदी में पीपीपी को जोड़कर काम शुरू कर दिया गया है। जमाबंदी का चेहरा भी इस प्रकार का बदला जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति आसानी से इसे पढ़ सके। कंप्यूटर में बनने वाली जमाबंदी को कलरस्कीम में भी लाया जा रहा है ताकि हर व्यक्ति से आसानी से समझ सके। दास ने बताया कि हम सारे मॉडर्न रिकॉर्ड रूम स्थापित कर चुके हैं। पुराने रिकॉर्ड रूम को स्कैन करके कंप्यूटर में रखा जाएगा और जमाबंदी का नया रिकॉर्ड ऑनलाइन करेंगे ताकि किसी भी व्यक्ति को जमाबंदी की नकल लेने के लिए तहसील में आकर अप्लाई ना करना पड़े। वह ऑनलाइन जमाबंदी कहीं से भी निकलवा सके।

इस मौके पर सरकार द्वारा बेहतरीन शुरुआत करते हुए सीटीएम और एसडीएम को रजिस्ट्री की पावर देने बारे जिक्र करते हुए दास ने बताया कि अभी रजिस्ट्री करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और रजिस्ट्रेशन के लिए एक्सपीरियंस्ड लोग सीटीएम और एसडीएम के कार्यालयों में मौजूद नहीं है और रजिस्ट्री के लिए इन अधिकारियों को तहसीलदार कार्यालय में भेजना भी उचित ना मानते हुए हम इस पर विचार कर रहे है और जल्द ही इन सुविधाओं का प्रबंध संबंधित अधिकारियों के कार्यालयों में भी करने का काम किया जा रहा है। लेकिन आमजन की समस्याओं को देखते हुए सभी उपायुक्तों को आदेश दे दिए गए हैं कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार को कोर्ट वर्क और रजिस्ट्री वर्क के लिए अपने दफ्तर में रहने के आदेश जारी करें।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)
 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Manisha rana

Recommended News

Related News

static