एक बार फिर आमने-सामने हुए कांग्रेसी नेता और पुलिस, सोनिया गांधी की ईडी में पेशी का हुआ विरोध

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2022 - 04:37 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): ईडी, सीबीआई और आईटी जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग व केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ गुरुवार को देशभर में कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। इसी कड़ी में चंडीगढ़ में भी जोरदार प्रदर्शन किया गया।

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बारिश के बावजूद बड़ी तादाद में पार्टी नेता व कार्यकर्ता प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के नेतृत्व में शहर में एक रोष मार्च निकाला गया। हालांकि ईडी दफ्तर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को बैरिकेड लगाकर रास्ते में ही रोक दिया। 

22 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर इकट्ठा होंगे कांग्रेस कार्यकर्ता

इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार जांच एजेंसी को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। ऐसा लगता है कि एजेंसियां सरकार की बजाए पार्टी के अधीन काम कर रही हैं। उनकी कोशिश है कि सरकार के विरुद्ध उठने वाली हर आवाज को दबाया जाए। इससे संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास कम होगा, जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। हुड्डा ने कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधानपालिका जैसी संस्थाओं के प्रति विश्वसनीयता ही लोकतंत्र का आधार है।

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उन्होंने कहा कि संस्थाओं को स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए। लेकिन राजनीतिक द्वेष के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे बड़े नेताओं को परेशान किया जा रहा है। इसके चलते पूरे देश में रोष प्रदर्शन किया जा रहा है। धरने प्रदर्शनों की इसी कड़ी में 22 जुलाई को भी तमाम जिला मुख्यालयों पर रोष प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी तादाद में कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। 

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कांग्रेस को बदनाम करने का बीजेपी पर लग रहा आरोप

चौधरी उदयभान ने भी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए भाजपा सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी व राहुल गांधी को परेशान किया जा रहा है। लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों के खिलाफ ईडी का कोई मामला ही नहीं बनता है। बीजेपी सरकार के दौरान 5 हजार से ज्यादा ईडी के मुकदमे दर्ज किए गए, लेकिन उनमें केवल एक प्रतिशत लोग ही दोषी साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विरोधियों को बदनाम करने का हथकंडा है।

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Content Writer

Isha

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