कोरोना महामारी को राजनीतिक चश्मे से देखना विपक्ष की घटिया सोच : कृष्ण बेदी

punjabkesari.in Monday, Jun 07, 2021 - 01:15 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा गठबंधन सरकार पर पूरी तरह से हमलावर विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस व इनेलो पर आज मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी ने कई बड़े कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि इस कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के वक्त सभी राजनीतिक दलों को सामूहिक रूप से जनता की सेवा और सुरक्षा में आगे आना चाहिए। न कि इस घड़ी को भी राजनीतिक चश्मे से आंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष की भूमिका और जिम्मेदारी सरकार की गलत चीजों को देखना होता है। न कि सही चीजों को भी गलत साबित करना। लेकिन हरियाणा का विपक्ष आज ओछी राजनीति कर रहा है। बेदी ने कहा कि विपक्ष में उनकी पार्टी भी लंबे समय तक रही। लेकिन संकट की घड़ी में पार्टी के नेतृत्व द्वारा कभी कोई हल्का बयान नहीं दिया गया। उन्होंने इस मौके पर आंदोलन पर बैठे किसानोंं से भी ऐसे संकट काल के दौरान आंदोलन को वापस लेने की अपील की। उनसे और कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात हुई। कुछ अंश प्रस्तुत है:-

प्रश्न : दूसरी वेव के दौरान सरकार ने किस प्रकार से काम किया और अब तीसरी वेव की आशंका के चलते क्या तैयारियां हैं ?
उत्तर : 
दूसरी वेव इतने खतरनाक तरीके से आई और  भयंकर रूप इसने धारण किया। इसके बावजूद हरियाणा सरकार और सारे ब्यूरोक्रेट्स ने जिस प्रकार से हरियाणा को अलग-अलग जोन में बांटकर सभी सीनियर मोस्ट अधिकारियों को जिला वाइज मुख्यमंत्री जी ने चार्ज दिया और पूरी कमांड के साथ टीम को उतारा और मुख्यमंत्री खुद भी फील्ड में उतरे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खराब स्वास्थ्य में भी लोगों का हौसला बढ़ाने का काम किया। दिन-रात टीम ने काम करके एक बहुत अच्छी रिकवरी लाने में कामयाबी हासिल की। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की मैनेजमेंट और अधिकारियों का महत्वपूर्ण रोल पर मैं सभी को बधाई देता हूं और मीडिया ने भी कोरोना के पैनिक को कम करने में अहम रोल अदा किया। डॉ, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस और कोरोना वॉलिंटियर्स ने फ्रंट पर आकर लड़ाई लड़ी। हालांकि उस समय ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड, दवाइयों की काफी शॉर्टेज हो गई थी। लेकिन हमने लड़ाई लड़ी और हम जीते। वहीं तीसरी वेव की जो आशंकाएं नजर आ रही है परमात्मा से विनती है कि हमें इस प्रकोप से बचाए।यदि अगर ऐसा कुछ हुआ भी तो आज हरियाणा सरकार पूर्ण रूप से तैयारी में लगी है, विश्वास दिलाता हूं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हम इससे भी पार उतरेंगे।

प्रश्न : ब्लैक फंगस एक बड़ी चुनौती है। इस पर काबू पाने के लिए किस प्रकार के प्रबंध किए जा रहे हैं ?
उत्तर : 
प्रधानमंत्री जी ने संबोधन में कहा था कि कोरोना नए-नए रूप बदलकर आ रहा है। यह मानव जाति पर बहुत बड़ा खतरा है। अब ब्लैक फंगस आया है। सरकार द्वारा इसको कवर करने के लिए मेडिकल फैसिलिटी का पूरा प्रबंध किया गया है। जिसके चलते पीड़ित मरीजों का रिकवरी रेट भी अच्छा हो गया है।  प्रदेश सरकार, स्वास्थ्य विभाग इस लड़ाई को लड़ने में, जीतने में पूरी तरह से सक्षम है।

प्रश्न : बीपीएल राशन कार्डों पर सरसों का तेल न मिलने के चलते सरकार पर विपक्ष पूरी तरह से हमलावर है ?
उत्तर : 
इस संकटकाल में मैं विपक्ष के लोगों से निवेदन करना चाहूंगा कि कुछ भी बोलने के लिए कुछ भी बोलना ठीक नहीं है। तथ्यों के आधार पर ही बात रखनी चाहिए। बीपीएल कार्डों पर 2 लीटर तेल देने का जब फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी द्वारा किया गया तो उस दिन इनके बयान कुछ और थे। आज किसी कारण से चाहे शॉर्टेज हो या रेट ज्यादा बढ़ गए हो तो आज यह लोग कुछ और बयान देने लग गए। पहले नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला थे। लेकिन उनकी मानसिकता के कारण आज उनका हाल सबको मालूम है। पूरे हरियाणा में रिजल्ट देख लो, नाम लेने वाला कोई बचा नहीं है। ऐलनाबाद चुनाव को देखकर वह ऐसा बोल रहे हैं। सामूहिक रूप से हरियाणा की जनता की सुरक्षा- जनता के हितों के लिए सोचने का समय है। कोरोना बीत जाने के बाद खूब राजनीति कर ले।

प्रश्न : ऐलनाबाद उपचुनाव में हार नजर आने के कारण सरकार इस चुनाव को पोस्टपोन करेगी। यह आरोप अभय सिंह चौटाला लगा रहे है ?
उत्तर : 
चुनाव एक अलग चीज है और हालात अलग चीज है। बंगाल के चुनाव पर भी विपक्ष ने मोदी पर आरोप लगाए। लेकिन बंगाल चुनाव की तिथि चुनाव आयोग ने तय की थी न कि मोदी ने। उत्तर प्रदेश का चुनाव भी कोरोना से पहल निश्चित किए गए। बल्कि आधे चुनाव हो भी गए थे। वहीं कुंभ को भी हमारे पंचांग तय करते हैं। लेकिन आरोप भाजपा पर लगाए गए। ऐलनाबाद चुनाव का रिजल्ट भी समय बताएगा। लोकतंत्र है चुनाव तो होंगे ही। जो बेहम होगा वह भी निकाल लेंगे।

प्रश्न : अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा और जजपा की टिकट भी लेने से नेता बचेंगे। यह अभय सिंह चौटाला ने कहा है ? 
उत्तर : 
सच्चाई सभी को पता है कि टिकट देने के लिए उन्हें कौन-कौन से लोग ढूंढने पड़े थे। यह समय ओच्छी बातें करने का नहीं है। राजनीतिक दंगल में जब जाएंगे तब देख लेंगे। 

प्रश्न : कांग्रेसी नेता हुड्डा, सुरजेवाला, शैलजा का आरोप है कि सर्वदलीय मीटिंग बुलाने से सरकार भाग रही है ?
उत्तर : 
माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ समय पहले बड़े संयमित तरीके से जवाब दे दिया था। सरकार पर आरोप लगाने बड़े आसान हैं। लेकिन मैं एक बात पूछना चाहता हूं कि आरोप लगाने वाले कोरोना के वक्त फील्ड में कहां थे। प्रतिपक्ष होने के नाते उनकी क्या जिम्मेदारियां बनती थी। यह कहने के लिए कि वैक्सीन न लगवाएं, किसानों को यह कहने के लिए कि ज्यादा से ज्यादा भीड़ इकट्ठे करो। कोरोना महामारी को भी अगर कोई राजनीतिक चश्मे से देखना चाहता है तो मेरे ख्याल से विपक्ष की इससे घटिया सोच नहीं हो सकती। विपक्ष में हम भी रहे। लेकिन संकट काल में कभी सरकार या किसी पार्टी के खिलाफ हमारे नेतृत्व का हल्का बयान नहीं आया। मतदाता सब देख रहा है। चुनाव आने पर सभी की भूमिका को पहचान कर ईवीएम का बटन दबाएगा। इसलिए ज्यादा गलतफहमी में रहने की जरूरत नहीं है।

प्रश्न : देवेंद्र बबली पर विपक्ष हमलावर है और उन पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहा है ?
उत्तर : 
हिसार में मुख्यमंत्री जी लोगों की सुरक्षा और सेवा के लिए कोरोना अस्पताल का उद्घाटन करने गए थे। लेकिन वहां जिस प्रकार का माहौल बनाया गया।उसकी निंदा सभी धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं ने खुले मंच पर की। चाहे सैनी सभा हो, सैन समाज हो, सुनार सभा हो, रविदास सभा हो सभी ने प्रेस के सामने इसकी भरसना की। टोहाना के एपिसोड को हमारा नेतृत्व इसे देख रहा है। डॉ अभय सिंह तो सारे हरियाणा को रोज मार कर सो जाएं। उनके कहने से कुछ नहीं होता।

प्रश्न : आंदोलनरत किसानों से क्या अपील करना चाहेंगे ?
उत्तर : 
यह एक संकटकाल है। जब माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानूनों पर स्टे लगा दिया गया है। कोई चीज अभी लागू नहीं हो रही और रोष प्रदर्शन की बात है तो वह सरकार तक बात पहुंच चुकी है। हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री, माननीय मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री द्वारा अपील की गई है और मैं भी अपील करना चाहता हूं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में मामला है। उस पर विश्वास करना चाहिए। धरना प्रदर्शन राजनीति में-समाज में सरकारों के खिलाफ होते रहते हैं। आगे फिर कर लेना।

प्रश्न : क्या आपको लगता है कि इस आंदोलन में राजनीति घुस गई है ?
उत्तर : 
जिस समस्या को लेकर किसान संगठन आगे बढ़े हैं। वह एक विरोध- एक रोष दिखाने की बात है।जोकि सरकार तक बात पहुंच गई है और सरकार से बातचीत भी हुई है। अब जब मामला कोर्ट में है। जब तक फैसला नहीं आता। तब तक कोई प्रतिक्रिया की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न : कांग्रेस और इनेलो इस आंदोलन में इतने सक्रिय क्यों दिख रहे हैं ?
उत्तर :
वह लोग विपक्ष की भूमिका में हैं और अगर उन्हें लगता है कि कुर्सी के आसपास हम लोग पहुंच जाएंगे। लेकिन पहुंचेंगे किसके दम पर। क्योंकि ऊपर-नीचे कोई है ही नहीं। यह लोग शॉर्ट टर्म में प्रॉफिट देखने के मूड में हैं। लेकिन किसान यह जानता है कि उनके हित किसके हाथ में सुरक्षित हैं और इन्होंने 70 साल तक किसान के लिए क्या किया। पहली बार इनका नारा था कि हुड्डा तेरे राज में-जीरी गई जहाज में। दूसरी बार यह नारा बदलकर हो गया हुड्डा तेरे राज में--जीरी पिटी बाजार में--पराली गई लिहाज में--किसान मर गया ब्याज में। इन्होंने कभी कोई स्थाई समाधान नहीं किया। हमारी सरकार ने 6000 गांवों में 24 घंटे बिजली दी। यह कहते थे कि हमारा राज लेकर आओ ना मीटर रहेगा और ना ही रीडर। लेकिन राज भी आया और मीटर व रीडर भी रहे। हमारी गठबंधन सरकार स्थाई समाधान की ओर बढ़ रही है। लेकिन हम विपक्ष के अच्छे सुझाव को भी मानते हैं। सरकार ने विधानसभा के लंबा सेशन चलाकर विपक्ष को सुना और पूरा सम्मान दिया है।

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Content Writer

Manisha rana

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