ओपी चौटाला को कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा, 50 लाख का लगा जुर्माना

punjabkesari.in Friday, May 27, 2022 - 02:16 PM (IST)

दिल्ली (कमल): पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें चार साल की सजा सुनाई है इसके साथ ही 50 लाख का जुर्माना लगाया है वहीं चार संपत्तियां सीज करने को कहा है ।

दरअसल, ओपी चौटाला को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिया गया था और अब कोर्ट ने सजा सुनाई है। पहले गुरुवार को सजा सुनाई जानी थी लेकिन कोर्ट वकीलों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बहस के दौरान सीबीआई और ओपी चौटाला के वकीलों ने अपनी दलीलें पेश की थी। कोर्ट रूम में ओपी चौटाला के वकील औऱ सीबीआई ने दलीलों में कहा था कि:

ओम प्रकाश चौटाला की दलीलें नंबर 01 

ओमप्रकाश चौटाला 90% फीसदी दिव्यांग हैं. उनकी उम्र 87 साल है, वेबचपन से बीमार हैं. ओपी चौटाला की दिव्यांगता बढ़ती जा रही है, जो 60 फीसदी से 90 फीसदी हो गई है. इसके साथ ही पिछली सजा के दौरान उन्हेंजेल में अस्थमा और लंग्स इंफेक्शन भी हो गया है. इतना ही नहीं कोर्टको ओपी चौटाला के अच्छे व्यवहार पर भीगौर करना चाहिए.  

सीबीआई के वकील की दलील

कोर्ट को इस मामलेमें किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतनी चाहिए. अगर लीडर ही इस प्रकार के भ्रष्टाचारकरेंगे तो समाज में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. कानून बनाने वाले ही अगर अपराधकरेंगे तो उसका जनता पर क्या असर पड़ेगा.  

ओम प्रकाश चौटाला की दलीलें  नंबर 02  

ओम प्रकाश चौटालाकाफी उम्रदराज हैं. ऐसे में वो बिना किसी दूसरे की सहायता के चल नहीं सकते. इसीबात को ध्यान में रखते हुए कोर्ट को ओपी चौटाला पर नरमी दिखानी चाहिए. 

सीबीआई के वकील की दलील

दोषी स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा कम करने की मांग नहीं कर सकता. ओपी चौटाला के दो बच्चें हैं और कोई भी इन पर निर्भर नहीं है. ऐसे में इनके खिलाफ कड़ीसे कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए. 

ओम प्रकाश चौटाला की दलीलें नंबर 03 

कोर्ट मानवता केआधार पर कम सजा देने पर विचार करें, क्योंकि उन्होंने इस मामले में कोर्ट को जितना हो सकता था, उतना सहयोग किया है. जेल में भी ओपी चौटाला का अच्छा व्यवहार रहा है और उन्होंने अदालती प्रक्रिया में भी हमेशा सहयोग किया है. इसलिए कोर्ट को ओपीचौटाला को कम से कम सजा देनी चाहिए. 

सीबीआई के वकील की दलील

अगर ओपी चौटाला को कमसे कम सजा दी जाएगी तो इससे आम लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा. भ्रष्टाचार के खिलाफकड़ी से कड़ी कार्रवाई करे और अधिक जुर्माना लगाए।

आप को बता दें, शमशेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर सीबीआई ने 2005 में केस दर्ज किया था। सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया था कि निर्धारित अवधि के दौरान ओपी चौटाला की आय उनकी 3.22 करोड़ रुपए की आय से 189 प्रतिशत अधिक थी। अजय चौटाला के पास उनकी वैध आय से 339.27 प्रतिशत अधिक संपत्ति थी। मई 1993 से मई 2006 के बीच उनकी वैध आय 8.17 करोड़ रुपये रही।

वहीं अभय चौटाला की संपत्ति 2000 से 2005 के बीच के आयकर आंकड़ों के अनुसार 22.89 करोड़ रुपए की उनकी कमाई से पांच गुना अधिक की थी। मामले में ईडी ने 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली है।

ओपी चौटाला के तेजाखेड़ा फार्म हाउस के कुछ हिस्से को ईडी ने 4 दिसंबर 2019 को सीज किया था। उस समय ईडी के साथ सीआरपीएफ के जवान थे। यह कार्रवाई सुबह 7 बजे की गई। इसके बाद ईडी ने पूर्व सीएम की पत्नी स्नेहलता और पुत्रवधू कांता चौटाला की संपत्ति का ब्यौरा भी जुटाया। हालांकि कार्रवाई को चौटाला परिवार ने राजनीति से प्रेरित बताया था। चौटाला की दिल्ली और पंचकूला की संपत्ति भी ईडी ने सीज की हुई है।


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Content Writer

Vivek Rai

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