धरतीपुत्र के लिए डार्क जोन खतरे की घंटी

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2019 - 01:05 PM (IST)

रानियां (सतनाम): डार्क जोन का दंश धीरे-धीरे किसानों के लिए अब खतरे की घंटी बनता जा रहा है। डार्क जोन घोषित होने से ट्यूबवैल कनैक्शन पर प्रतिबंध लगा है। ऐसे में खेतों को सिंचित करने के लिए किसानों को लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

एक तरफ किसान प्रदेश सरकार से समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं और दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों को धान की फसल से परहेज करके अन्य फसलों को प्राथमिकता देने की अपील कर रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार रानियां व ऐलनाबाद खंड को डार्क जोन घोषित कर चुकी है। ऐसे में ट्यूबवैल नहीं लगने से किसानों को फसलों के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। बारिश कम होने के कारण भी किसानों की ङ्क्षचता बढ़ी है। किसानों की ङ्क्षचता को समाप्त करना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार इन क्षेत्रों को डार्क जोन से कैसे बाहर निकाल सकती है। इसके लिए सरकार को उचित प्रयास करने जरूरी हैं। 

लाखों का खर्च कर रहा किसान
किसान की फसल तैयार होकर बाजार में किसी भाव से बिकती है और किसान को इससे कितना मुनाफा होता है या घाटा होता है। इस बात को लेकन किसान मंथन नहीं कर रहा है। किसान का अब केवल यही प्रयास है कि उसके खेत को कैसे सींचा जाए। इसके लिए किसान नई-नई स्कीम बना रहा है। इस क्षेत्र में घग्गर नदी बरसाती नदी है। किसान देख रहा है कि बरसात होने से घग्गर नदी में पानी आएगा और उस पानी को खेतों में लगाकर फसल सिंचित की जा सकती है। इसके लिए किसान क्षेत्र में पाइप लाइन का जाल बिछा रहा है। जिससे लाखों रुपए खर्च कर रहा है। इसके अलावा किसान ने अब इंजन से ट्यूबवैल को चलाने का मन बनाया हुआ है। इंजन को चलाने के लिए किसान को हजारों का डीजल जलाने पड़ेगा। किसान के सामने फसल को सिंचित करना चुनौती बना हुआ है। 

पिछेती पर पाबंदी व अगेती किस्मों का बढ़ावा
वक्त की मांग है कि पिछेती किस्म 1401 जैसी को बंद किया जाए और अगेती किस्मों को बढ़ावा दिया जाए। जो बाजार में कम समय में पककर तैयार हो जाए। जिनको तैयार करने में कम पानी लगे और बाजार में उनके दाम पिछेती से अच्छे मिले। ताकि किसान अगेती किस्म की ओर अपना रूख करें और पानी को बचाने में सहयोग करें। धान की किस्म 1401 पिछेती किस्म 5 माह में तैयार होती है जो पानी की काफी खपत करती है और धान की 1509 अगेती किस्म 3 माह में तैयार होती है। जो कम पानी से तैयार हो जाती है। सरकार को चाहिए कि इस किस्म के बाजार में रेट निर्धारित करें और किसानों को अगेती किस्में बोने के लिए प्रेरित करें। रानियां के विधायक रामचंद कम्बोज ने विधान सभा सत्र में संबंधित मंत्री से कहा कि रानियां क्षेत्र को डार्क जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में नहरी पानी नहीं आ रहा है। नहरी पानी का क्षेत्र में होना जरूरी है। 


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Shivam

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