DCP की खुदकुशी से पुलिस महकमे में शोक, सुबह ही की थी SHO से बात

punjabkesari.in Thursday, Aug 15, 2019 - 11:55 AM (IST)

फरीदाबाद (ब्यूरो): पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने डीसीपी एनआईटी विक्रम कपूर की मौत पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि इस घटना से पूरे पुलिस विभाग शोक में है। फरीदाबाद एनआईटी के डीसीपी विक्रम कपूर विक्रम कपूर मूलरूप से अंबाला के रहने वाले थे और हरियाणा पुलिस में एएसआई के रूप में भर्ती हुए थे। पदोन्नति के बाद वह डीसीपी बने और पिछले करीब दो साल से फरीदाबाद में पदस्थ थे। विक्रम कपूर की रिटायरमेंट में अभी एक साल बाकी था। आज सुबह लगभग 6 बजे उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनके शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस के प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में उन्होंने भूपानी थाने के एसएचओ अब्दुल सईद और एक सिविलियन पर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने उन दोनों को हिरासत में ले लिया है। 

हालांकि पुलिस अभी यह साफ नहीं कर रही कि ब्लैकमेलिंग किस वजह से की जा रही थी। घटना के बाद से पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि विक्रम कपूर पिछले एक साल से एनआईटी क्षेत्र के डीसीपी पद पर तैनात थे और उन्हें 2020 में रिटायर होना था। उन्होंने बताया कि विक्रम कपूर काफी मिलनसार कर्मठ अधिकारी थे। कुरुक्षेत्र के रहने वाले विक्रम कपूर 1983 में एएसआई के पद पर भर्ती हुए थे। साल 2017 में आईपीएस प्रमोट हुए थे। परवार में पत्नी नीलम के अलावा दो बेटे राजन और अर्जुन हैं। बडा बेटा राजन चंडीगढ़ स्थित एक कंपनी में कार्यरत है, वहीं छोटा बेटा अर्जुन स्नातक की पढ़ाई करने के बाद कांट्रेक्टर के तौर पर कार्यरत है। वह भी हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर भर्ती होने की तैयारी कर रहा है। उनकी बहन सुशीला आहूजा मुखर्जी नगर दिल्ली में परिवार के साथ रहती हैं। वहीं बड़े भाई सुरेंद्र पाल सिंह भी दिल्ली में बहन के घर के पास रहते हैं। डीसीपी विक्रम कपूर बडे बेटे राजन की शादी की भी तैयारी कर रहे थे और उसके लिए लड़की देखना शुरू कर दिया था। घटना के दौरान पत्नी नीलम और अर्जुन घर पर थे, जबकि राजन चंडीगढ़ में ड्यूटी पर था। उन्हें फोन पर घटना की सूचना दी गई। वे करीब 11 बजे फरीदाबाद पहुंचे। 

रोजाना सुबह 5 बजे जाते थे टहलने
पत्नी नीलम के अनुसार डीसीपी विक्रम कपूर सुबह 5 बजे सोकर उठ जाते थे। उन्होंने रोजाना बाहर टहलने का नियम बनाया हुआ था। बुधवार सुबह भी वे समय से उठे। सुबह एसएचओ एसजीएम नगर हरदीप सिंह का फोन आया। उन्होंने एसजीएम नगर क्षेत्र में हुई हत्या की सूचना डीसीपी को दी। हरदीप सिंह की मानें तो उन्हें बातचीत सामान्य लगी। बस उनकी आवाज थोड़ी धीमी थी, मगर हरदीप सिंह को लगा कि सुबह सामान्य तौर पर लोग धीमी आवाज में बात करते हैं। घटना की जानकारी देकर उन्होंने फोन काट दिया।


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Isha

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