पिता की मौत और ओलंपिक में चोट के बावजूद भी विनेश का जज्बा नहीं हुआ कम (VIDEO)

punjabkesari.in Tuesday, Aug 21, 2018 - 08:52 AM (IST)

चरखी दादरी(दीपक भारद्वाज): चरखी दादरी जिले के गांव बलाली निवासी द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर फौगाट की भतीजी और गीता-बबीता की चचेरी बहन विनेश फौगाट को रियो ओलंपिक के दौरान चोट लगने से जनवरी 2017 तक मैट पर नहीं उतर पाईं थी। फिर भी इस बहादुर बेटी ने हिम्मत नहीं छोड़ी और दोबारा अखाड़े में उतरकर कड़ी मेहनत की। इसी मेहनत के बलबूते विनेश ने 50 किलोग्राम की कैटेगरी में देश के लिए गोल्ड जीता। 
PunjabKesari
विनेश के पिता व महाबीर फौगाट के भाई राजपाल जो रोडवेज विभाग में ड्राइवर थे, जिनकी वर्ष 2003 में मौत हो गई थी। जिसके बाद महावीर फौगाट ने विनेश और उसकी बहन प्रियंका को अपनाया और पहलवानी की ट्रेनिंग दी। 
PunjabKesari
विनेश ने भी अपने ताऊ जी का मान रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाते हुए दो गोल्ड सहित 8 मेडल जीतकर उनका और देश का नाम रोशन किया है। इसी कड़ी में विनेश ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए एशियन खेलों में महिला कुश्ती में पहला गोल्ड जीतकर देश में इतिहास रचा है। 
PunjabKesari
बता दें कि विनेश फौगाट चोट लगने से पूर्व 48 किलोग्राम वर्ग में खेलती थी। इस वर्ष अप्रैल माह में हुए कॉमनवेल्थ में विनेश ने 50 किलोग्राम वर्ग में रिंग में उतरते हुए गोल्ड मेडल जीता था। सरकार द्वारा विनेश की प्रतिभा व उसके खेल को देखते हुए अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था। विनेश इस वर्ष अपै्रल में व वर्ष 2014 कॉमनवेल्थ में गोल्ड और 2014 एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। एशियन खेलों के फाइनल मुकाबले में विनेश ने जापान की इरी युकी को 6-2 से से मात देते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
PunjabKesari
विनेश की मां प्रेमलता गीता-बबीता की मां दयाकौर की छोटी बहन हैं। मौसी की बेटियों के साथ ही विनेश ने ज्यादतर समय अखाड़े में ही बिताया है। बेटी की उपलब्धि पर मां प्रेमलता की आंखों में आंसू आ जाते हैं। आंसू पूछते हुए कहती हैं कि बेटी को ताऊ महावीर फौगाट की हिम्मत ने बल दिया और गोल्ड जीतकर ताऊ व परिवार को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। विनेश के पिता की मौत होने के बाद एक बार तो वह टूट चुकी थी कि छोटे बच्चों का कैसे गुजारा कर पाऊंगी। ताऊ महाबीर ने हिम्मत दी और बेटी ने गोल्ड जीतकर साबित कर दिया है। 
PunjabKesari
वहीं भाई हरविंद्र ने बताया कि विनेश व हमने महाबीर फौगाट को ही अपना पिता माना और उनके दिखाए मार्ग पर चले। प्रेरणा लेते हुए विनेश ने अपने रिकार्ड को बढाते हुए गोल्ड जीतकर मैडलों की संख्या में इजाफा किया है। विनेश ने गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया है। 2020 के ओलंपिक में विनेश फिर से गोल्ड जीकर दोहरी खुशी देगी।
PunjabKesari
रविवार को 24 साल की होने जा रही विनेश ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण जीता था। 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में 48 किग्रा में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 50 किग्रा में स्वर्ण पदक जीता। वे आखिरी छह एशियाई चैम्पियनशिप में 3 रजत और 3 कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Rakhi Yadav

Recommended News

Related News

static