ठंडे पड़ने लगे हैं इन कर्मचारियों के घरों के चूल्हे, चार महीने से नहीं मिला वेतन, प्रदर्शन कर सरकार को दी चेतावनी
punjabkesari.in Thursday, Mar 16, 2023 - 10:04 PM (IST)

रेवाड़ी (महेंद्र भारती) : बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा हरियाणा में पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि वर्ष 2015 में हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की गई थी। रेवाड़ी के नेहरू पार्क से मिड-डे मील वर्करों द्वारा अपनी मांगों को लेकर जिला शिक्षा मौलिक अधिकारी कार्यालय तक विरोध प्रदर्शन किया गया। मिड-डे मील वर्कर यूनियन की जिला प्रधान मीनाक्षी ने बताया कि पिछले 4 महीनों से उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है। जिसकी वजह से उनके घर के चूल्हे अब ठंडे पड़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि बेटी बचा-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार के राज में आज बेटियों को सड़कों पर उतर कर अपने अधिकारों की जंग लड़नी पड़ रही है।
रेवाड़ी जिला शिक्षा मौलिक अधिकारी वीरेंद्र सिंह को अपनी मांगों का एक मांग पत्र शिक्षा मंत्री के नाम सौंपते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें 12 महीने काम के बदले 10 महीने की पगार दी जाती है। सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है। अब सरकार को उन्हें 12 महीने काम के बदले 12 महीने का ही मानदेय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छुट्टी होने के बाद उनसे अतिरिक्त काम ना लिया जाए। महीने की हर 7 तारीख को मानदेय भत्ता दिया जाए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह सरकारी कर्मचारियों के तहत ही पूरा काम करती हैं। इसलिए उन्हें न्यूनतम वेतन के हिसाब से 24000 प्रति माह वेतन दिया जाना चाहिए। मिड-डे मील वर्कर कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि अगर अब भी सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इसके परिणाम 2024 में उन्हें भुगतने पड़ सकते हैं। साथ ही उन्होंने समय रहते मांगे पूरी नही होने पर बड़ा आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)