हरियाणा में डॉक्टरों ने दोगुना वेतन लेने से किया इनकार, स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख रखी अपनी बात

punjabkesari.in Thursday, Apr 16, 2020 - 10:53 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): कोरोना से जंग लड़ रहे हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों ने दोगुना वेतन लेने से इनकर कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गई है। डॉक्टरों ने दोगुने वेतन की जगह अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां, वेंटिलेटर, सुरक्षा उपकरण, एन-95 मास्क व पीपीई किट मुहैया कराने की बात कही है।

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जसबीर सिंह पंवार व महासचिव डॉ. राजेश श्योकंद ने मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि आइसोलेशन वार्ड, आईसीयू व कोरोना के नमूने लेने में लगे डॉक्टरों को ही महामारी की अवधि के दौरान दोगुना वेतन मिलना है। इससे बाकी डॉक्टर हतोत्साहित होंगे।

इस आधार पर डॉक्टर दोगुने बेसिक वेतन को लेने के हक में नहीं हैं। सिविल अस्पताल, सिविल सर्जन कार्यालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, पॉलिक्लिनिक सहित अन्य डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉक्टर भी कोरोना को रोकने के लिए प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

स्क्रीनिंग टेस्टिंग, नमूना जांच, फील्ड निगरानी मजदूरों का इलाज, आपातकालीन सेवाओं, मोबाइल यूनिट में डॉक्टर दिन-रात कार्यरत हैं। इनका रिस्क आइसोलेशन वार्ड, आईसीयू व नमूने लेने वाले डॉक्टरों से भी ज्यादा है। चूंकि, इन्होंने तो पीपीई किट पहन रखी है, जबकि ओपीडी, इमरजेंसी व अन्य सेवा में लगे डॉक्टरों को तो यह भी पता नहीं है कि जिस मरीज को वह देख रहे हैं, वह कोरोना संक्रमित है या नहीं।

इन डॉक्टरों को पीपीई किट व एन-95 मास्क भी नहीं मिले हैं। एसोसिएशन ने सीएम मनोहर लाल से दोगुने वेतन की मांग भी नहीं की थी। वे डॉक्टर के नाते अपना धर्म निभाकर कोरोना को हराने के लिए जुटे हुए हैं। इससे पहले एनएचएम कर्मियों ने दोगुना वेतन लेने से मना किया था लेकिन अगले ही दिन कर्मचारी एसोसिएशन के निर्णय के विरोध में आ गए थे।


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vinod kumar

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