खट्टर सरकार के निकम्मेपन के कारण राज्य के सभी वर्ग दुखी : तंवर

punjabkesari.in Friday, Oct 26, 2018 - 09:31 AM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा है कि हरियाणा में खट्टर सरकार के चार साल राज्य की बदहाली के चार साल सिद्ध हुए हैं। समाज का कोई भी वर्ग ऐसा नहीं है जो खट्टर सरकार की गलत नीतियों और निक्कमेपन के कारण दुखी न हो। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में जो बड़े-बड़े वादे किए थे और हरियाणा की प्रगति के जो सब्जबाग दिखाये थे वे पूर्णतया छलावा सिद्ध हुए हैं।

डॉ. तंवर ने कहा कि किसानों को उनकी पैदावार के लाभकारी मूल्य देने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का जो वायदा भाजपा ने किया था। वह केवल एक जुमला ही रह गया। गन्ना उत्पदक मिलों से अपनी उपज की अदायगी के लिए अभी तक मारे-मारे फिर रहे हैं। धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने के कारण किसानों को मजबूरन कम कीमत पर धान बेचना पड़ रहा है। बाजरे की बिक्री में भी भारी घपला हो रहा है और बिचौलिये सरकार के संरक्षण में लूट मचा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी खट्टर सरकार की ज्यादतियों के कारण बहुत दुखी हैं, उन्हें बीते चार सालों में अपने अधिकारों के लिए बारबार आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। रोडवेज कर्मचारी पिछले कई दिनों से हड़ताल पर हैं क्योंकि खट्टर सरकार अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए निजी बसों को रूट परमिट देना चाहती है जिससे हरियाणा रोडवेज को हानि होगी। राज्य के कर्मचारियों को पंजाब के बराबर वेतनमान देने का जो झांसा दिया गया था उससे भी कर्मचारियों में काफी रोष है और आने वाले चुनावों में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बीते चार सालों में राज्य में तीन लाख करोड़ रूपए से भी अधिक का माइनिंग घपला हुआ है। 

भाजपा सरकार ने लोगों की गाढ़े पसीने की कमाई को फजूल की योजनाओं तथा विदेश की यात्रायों पर व्यर्थ लुटाया है। उन्होंने कहा कि हर रोज अखबारों में बलात्कार और अपहरण की खबरें आना आम बात हो गई है। गुण्डा तत्वों में किसी प्रकार का कोई भय नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे सरकार नाम की कोई चीज ही न हो। उन्होंने कहा कि महज अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए भाजपा नेताओं ने राज्य के विभिन्न समुदायों में मनमुटाव की भावना पैदा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ढुलमुल और साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली प्रवृति के कारण हरियाणा को तीन बार जलना पड़ा है।
 
 
 

 
 

 


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Rakhi Yadav

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