सुनीता दुग्गल और कांडा का भारी विरोध, किसानों और पुलिस में हुई धक्कामुक्की, वाटर कैनन से खदेड़ा
punjabkesari.in Wednesday, Apr 07, 2021 - 04:26 PM (IST)
सिरसा (सतनाम): हरियाणा में भाजपा नेताओं के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, हर जगह किसान उनका जोरदार विरोध कर रहे हैं। बुधवार को सिरसा में नगर परिषद के चेयरपर्सन पद का चुनाव था, जहां भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल और विधायक गोपाल कांडा भी वोट डालने पहुंचे, लेकिन जैसे ही किसानों को उनके आने की सूचना मिली, तो वहां पहुंचकर उन्होंने जमकर बवाल काटा।
सुनीता दुग्गल और गोपाल कांडा के चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने पर किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए नगर परिषद से 100 मीटर दूर चारों और से बेरिकेड्स लगाए गए थे, लेकिन किसान बेरिकेड्स को तोड़ कर नगर परिषद के नजदीक पहुंच गए। जिसको लेकर किसानों और पुलिस में जमकर धक्कामुक्की हुई। पुलिस ने किसानों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए वाटर कैनन का प्रयोग किया। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने सुनीता दुग्गल और गोपाल कांडा को बड़ी मशक्कत के बाद सरकारी गाड़ियों में बैठाकर सुरक्षित भेजा गया। किसानों ने दोनों ही नेताओं को काले झंडे दिखाते हुए उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
हालांकि नगर परिषद चेयरपर्सन का चुनाव तनावपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। चेयरपर्सन की कुर्सी भाजपा से खिसककर गोपाल कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी के हाथों में चली गई है। सिरसा की नगर परिषद में 31 वार्ड हैं, जिसमें से 30 नगर पार्षदों ने अपने मतदान का प्रयोग किया। इसके अलावा सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल और विधायक गोपाल कांडा ने अपने वोट का इस्तेमाल किया। गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी की समर्थित उम्मीदवार रीना सेठी को चेयरपर्सन बनाया गया, जबकि भाजपा उम्मीदवार सुमन बामनिया चेयरपर्सन का चुनाव 2 वोटों से हार गई। सेठी को 17 वोट मिले जबकि बामनिया को 15 वोट मिले हैं।
इस बारे एसडीएम ने कहा कि नगरपरिषद चेयरपर्सन के चुनाव EVM के माध्यम से हुए, जिसमें दो उम्मीदवार थे। रीना सेठी 2 वोटों से जीत गई हैं। चुनाव में सांसद सुनीता दुग्गल और विधायक गोपाल कांडा ने भी वोट का प्रयोग किया।
उधर, किसानों ने कहा कि उनका विरोध चेयरपर्सन के चुनाव को लेकर नहीं है, बल्कि विधायक गोपाल कांडा और सांसद सुनीता दुग्गल को लेकर है। उन्होंने कहा कि जब इनको पता है की लगातार कृषि कानूनों को लेकर इनका विरोध हो रहा है ये लोग किसानों को उग्र कर जानबूझकर आंदोलन को भटकाने का काम कर रहे हैं।
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